घोघड़ धाम में विकास कार्यों को 15 जुलाई तक पूरा करने का निर्देश

22 जुलाई से श्रावण माह शुरू हो रहा है. घोघड़ धाम में महादेव शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटेगी. इसकी तैयारियों को लेकर ट्रस्ट बोर्ड समेत अन्य हिताधिकारियों ने बैठक की.

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 11:53 PM

राजगांगपुर. राजगांगपुर ब्लॉक स्थित घोघड़ धाम में प्रतिवर्ष श्रावण माह धूमधाम से मनाया जाता है. राज्य के विभिन्न हिस्सों समेत पड़ोसी छत्तीसगढ़ व झारखंड से हजारों श्रद्धालु महादेव का जलाभिषेक कर आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं. इस साल 22 जुलाई से श्रावण माह प्रारंभ हो रहा है, जो 19 अगस्त को समाप्त होगा. इस वर्ष खास बात यह है कि श्रावण माह सोमवार से प्रारंभ होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है. जिस कारण इस बार कुल पांच सोमवारी पड़ेगी. इस दौरान यहां मेला भी आयोजित होगा, जिसमें भारी संख्या में लोग पहुंचेंगे. इसे देखते हुए शुक्रवार को घोघड़धाम के गेस्ट हाउस में एक तैयारी बैठक आयोजित हुई. इसमें घोघड़ धाम ट्रस्ट के पदाधिकारियों सहित पीडब्ल्यूडी विभाग तथा घोघड़ धाम विकास कमेटी के सदस्य शामिल हुए.

पिछले साल 70 लाख से शुरू हुआ था विकास कार्य

घोघड़ धाम में पिछले श्रावण माह के बाद से ही एक करोड़ 70 लाख की लागत से विकास कार्य प्रारंभ हुआ है. बैठक में इसकी समीक्षा सहित आगामी 22 तारीख से प्रारंभ होने वाले श्रावण मेला को लेकर चर्चा की गयी. बैठक में ट्रस्टी तथा सुंदरगढ़ की रानी पद्मिनी शेखरदेव, ट्रस्ट के अन्य सदस्य हरिकिशन अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, आशीष शतपथी, नीरज अग्रवाल, हर्ष अग्रवाल, विकास अग्रवाल, पीडब्ल्यूडी विभाग के एसइ नारायण पटेल, विकास कार्य के लिए नियोजित ठेका संस्था के अधिकारी प्रमुख उपस्थित थे. बैठक में कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही 15 जुलाई तक सभी कार्यों को पूरा करने की दिशा में हरसंभव प्रयास करने का निर्णय लिया गया.

बिजली, पानी व साफ-सफाई पर होगा विशेष फोकस

बैठक में कहा गया कि पूरे श्रावण मेला के दौरान बिजली, पानी तथा साफ-सफाई पर विशेष फोकस होगा. विशेषकर सोमवार के दिन जलाभिषेक के लिए भारी संख्या में भक्त पहुंचेंगे, ऐसे में धक्का-मुक्की न हो और सब कुछ सुचारु रूप से संपन्न हो, इस पर विचार-विमर्श किया गया. मेला के दौरान बाजार, दुकान की व्यवस्था तथा ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु करने की चर्चा भी हुई. पूरे श्रावण माह के दौरान सुंदरगढ़ जिले सहित ओडिशा के अन्य जिलों तथा पड़ोसी राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन तथा जलाभिषेक करने आते हैं. साथ ही ओडिशा तथा अन्य राज्यों से बहुत व्यापारी, खान-पान, प्रसाद, मनिहारी, खिलौने सहित अन्य व्यवसायी दुकानें लगाते हैं, जो पूरे मेला का आकर्षण केंद्र रहता है. इसके संचालन की जिम्मेदारी यहां के ट्रस्ट सहित स्थानीय प्रशासन की रहती है, जिसमें राजगांगपुर, कांसबहाल सहित राउरकेला की अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं सहयोग करती हैं.

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