Bhubaneswar News: शिक्षा का भारतीयकरण, शिक्षकों में कर्तव्यबोध का भाव निर्माण करने में लगा है महासंघ : महेंद्र कपूर
Bhubaneswar News: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ओडिशा प्रांत का प्रदेश सम्मेलन भुवनेश्वर में आयोजित हुआ. राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने सम्मेलन के दौरान महासंघ की उपलब्धियां गिनायीं.
Bhubaneswar News: शिक्षा का भारतीयकरण व शिक्षकों में भारतीयता का भाव निर्माण करने तथा शिक्षकों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बीते अनेक सालों से कार्य कर रहा है. भुवनेश्वर के क्षेत्रीय शिक्षा प्रतिष्ठान में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ओडिशा प्रांत के प्रदेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले वामपंथी व अन्य संगठनों की दृष्टि व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की दृष्टि में मुलभूत अंतर है. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ‘राष्ट्र हित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक व शिक्षक हित में समाज’ इस ध्येय वाक्य के साथ निरंतर कार्य कर रहा है. 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होनेवाली है.
शिक्षा को सरकार व प्रशासन के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता
श्री कपूर ने कहा कि शैक्षिक महासंघ का स्पष्ट मानना है कि शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे सरकार व प्रशासन पर छोड़ा नहीं जा सकता. शिक्षा से संबंधित नीति में शिक्षकों को अपना अभिमत देना चाहिए. शिक्षा से जुडे़ कोई भी विषय हों, जैसे पाठ्यक्रम हो या अन्य कोई विषय उसमें शिक्षकों का मत लिया जाना चाहिए. साथ ही शिक्षकों को भी चाहिए कि वे कक्षा के सभी छात्र-छात्राओं से जीवंत संपर्क स्थापित करें तथा बच्चों के किसी प्रकार के संदेह को दूर करें. बिना किसी भेदभाव के सभी बच्चों के शिक्षक देखे. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की प्रतिभा में कैसे निखार आये, इसलिए भी संगठन कार्य करता है. इसी कारण प्रति वर्ष शैक्षिक महासंघ देश भर से दो शिक्षकों को श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में पुरस्कार प्रदान करता है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य डॉ नारायण मोहंती व अन्य लोग उपस्थित थे.
समाज और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : सूर्यवंशी सूरज
कार्यक्रम में उपस्थित राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि समाज और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. शिक्षक ही कच्चे माटी को जीवन का आधार देते हैं. इसलिए, देश को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाने के लिए शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाना होगा. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों और मैकॉले द्वारा शिक्षा नीति भारतीय प्रतिभा को खत्म कर केवल क्लर्क तैयार करने के उद्देश्य से बनायी गयी थी. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लायी गयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारतीय स्व का जागरण हो सकेगा तथा देश को परम वैभव पर लिया जा सकेगा.
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