Bhubaneswar News: पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में विवादास्पद पोलावरम बांध परियोजना को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) के विधायकों के हंगामे के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही पोलावरम मुद्दे पर चर्चा के लिए दिये गये नोटिस को अध्यक्ष द्वारा खारिज किये जाने के बाद कांग्रेस सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गये और विरोध प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध में नारे लगाये और उस पर ओडिशा के हितों की बलि देने का आरोप लगाया.
अध्यक्ष के अनुरोध का नहीं दिखा असर, विधायक करते रहे नारेबाजी
विपक्षी दल बीजद के सदस्यों ने भी भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी से सदन में शांति लाने का आग्रह किया. अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने कांग्रेस सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने का अनुरोध किया, जिसका कोई लाभ नहीं हुआ. जिसके बाद उन्हें सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे 11:30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तो फिर से वही नजारा देखने को मिला और इस बार बीजद के सदस्य भी कांग्रेस के सदस्यों के साथ विरोध में शामिल हो गये. अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण सदन में इस पर चर्चा नहीं की जा सकती. इसके बावजूद विपक्षी विधायकों का हंगामा जारी रहा, जिससे अध्यक्ष को सदन को अपराह्न 4:00 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. इसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
ओडिशा के हितों की अनदेखी कर रही है मोहन सरकार : रामचंद्र काडाम
कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र काडाम ने आरोप लगाया कि पोलावरम मुद्दे पर ओडिशा के हितों की उपेक्षा हो रही है और इस पर मोहन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पोलावरम से ओडिशा डूब रहा है और आंध्रप्रदेश खुश हो रहा है. राज्य सरकार चुपचाप बैठी है. केंद्र सरकार पोलावरम को लेकर अनावश्यक रूप से सहानुभूति दिखा रही है, और मोहन सरकार इसकी अनदेखा कर रही है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देकर विधानसभा में इसे अस्वीकार कर दिया गया. उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली जाते हैं, लेकिन पोलावरम का मुद्दा नहीं उठाते. डबल इंजन सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए आगे नहीं आ रही है. रामचंद्र काडाम ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मामले में जल्द कदम नहीं उठाती है, तो आने वाले दिनों में जन आंदोलन खड़ा किया जायेगा.
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