राउरकेला. राउरकेला विधानसभा में वर्ष 2000 में बागी उम्मीदवार शारदा प्रसाद नायक से मिले झटके के बाद कांग्रेस अब तक उबर नहीं पायी है. यहां कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है. कांग्रेस की इस दयनीय हालत के लिए पार्टी के नेताओं की गुटबाजी तथा प्रदेश आलाकमान की निष्क्रियता को जिम्मेदार माना जा रहा है. राउरकेला में कांग्रेस का पतन इतने निचले स्तर पर हो चुका है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी बीएन पटनायक 10 हजार वोट भी नहीं जुटा पाये.
वर्ष 2000 के बाद से जारी है पार्टी का पतन
वर्ष 2000 में कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए प्रभात महापात्र को टिकट दिया था. लेकिन बागी उम्मीदवार के ताैर पर शारदा प्रसाद नायक ने 28 हजार से ज्यादा वोट प्राप्त किया, जिससे कांग्रेस की करारी शिकस्त हुई थी. तभी से कांग्रेस का लगातार पतन हो रहा है. 2004 में शारदा प्रसाद नायक ने बीजद के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता. इस चुनाव में वर्तमान भाजपा के बागी उम्मीदवार निहार राय को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2009 में प्रशांत बेहेरा, 2014 में प्रभात महापात्र, 2019 में बीरन सेनापति तथा 2024 में बीएन पटनायक को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया. लेकिन सभी को करारी हार का सामना करना पड़ा.
रघुनाथपाली विधानसभा क्षेत्र में बेहतर रहा प्रदर्शन
रघुनाथपाली विधानसभा में कांग्रेस की हालत राउरकेला के मुकाबले थोड़ी मजबूत दिख रही है. यहां पर 2019 में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रशांत सेठी को 20 हजार वोट मिले थे. इस बार गोपाल दास 16 हजार से अधिक वोट प्राप्त करने में सक्षम रहे हैं.
मानस चौधरी कांग्रेस से निष्कासित
कटक जिला कांग्रेस अध्यक्ष तथा वरिष्ठ नेता मानस चौधरी को पार्टी ने निष्कासित कर दिया. पार्टी विरोधी कार्यों व अनुशासनहीनता के आरोप में प्रदेश अध्यक्ष शरत पटनायक ने उन्हें छह साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है