Jharsuguda News: जिला अस्पताल मार्ग पर शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा, लोगों में नाराजगी
Jharsuguda News: बालीजोरी में जिला मुख्यालय अस्पताल का वर्ष 2018 में उद्घाटन हुआ था. इस बीच छह साल बीत चुके हैं, लेकिन इसके मार्ग पर रोशनी की व्यवस्था नहीं हुई है.
Jharsuguda News: झारसुगुड़ा के बालीजोरी में 4 जनवरी, 2018 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना ने जिला मुख्य अस्पताल का उद्घाटन किया था. इस बीच छह वर्ष बीच चुके हैं, लेकिन एसपी ऑफिस चौक से अस्पताल तक के रास्ते में रोशनी की व्यवस्था नहीं हो पायी है. जिससे लोगों में असंतोष बढ़ रहा है. खासकर रात के समय रोगी को लेकर जिला अस्पताल जाने में परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल के मार्ग पर बिजली के खंभे तो लगे हैं, मगर एक भी खंभे में लाइट नहीं लगायी गयी है. जिससे पूरे रास्ते में अंधेरा छाया रहता है. इसका फायदा उठाकर रास्ता के किनारे असामाजिक तत्वों ने अपना अड्डा जमा लिया है. इनका शिकार रोगी से लेकर उनके परिजन तक आये दिन होते रहते हैं. गरीब वर्ग के लोग तथा अंचल के निवासी शाम होने के बाद इस रास्ता से आने-जाने में डरते हैं. इसी मार्ग पर बस टर्मिनल भी है. यहां आये दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. सब कुछ जानने सुनने के बाद भी जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.
प्रशासन समस्याओं पर दे ध्यान, नहीं तो आंदोलन को होंगे बाध्य
झारसुगुड़ा जिला वकील संघ के पूर्व अध्यक्ष त्रिनाथ ग्वाल ने कहा कि जिला अस्पताल मार्ग पर दिन भर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है. रात होते ही कोयला परिवहन करने वाले व अन्य वाहन तेज गति से आते-जाते हैं. यह अंचल पालिका के अंतर्गत आता है. अगर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो जन आंदोलन किया जायेगा. अधिवक्ता विजय कुमार षाड़ंगी ने कहा कि जिला अस्पताल व बस टर्मिनल के मार्ग पर आज तक स्ट्रीट लाइट नहीं लगने से इस रास्ते पर आने-जाने वाले एवं रोगियों व उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिला प्रशासन को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए.
अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहा उचित इलाज
सामाजिक कार्यकर्ता रत्नाकर प्रधान ने कहा कि नगरपालिका अंचल में रहने वाले गरीब, दिहाड़ी मजदूर, सरकारी कर्मचारी व आम लोग सभी जिला अस्पताल पर ही निर्भर हैं. लेकिन यहां तक जाने का रास्ता बहुत खराब है. जिला प्रशासन को तुरंत इस रास्ते पर रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए. वहीं, समाजसेवी देवेंद्र बारिक (अज्जू) ने कहा कि जिला अस्पताल शहर से 7/8 किलोमीटर दूर बालीजोरी में स्थित है. यहां रोगियों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. डॉक्टर मरीज को बुर्ला रेफर करने में लगे रहते हैं. जिला अस्पताल के रास्ते में लाइट की व्यवस्था तक नहीं है. इससे जनता में आक्रोश है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है