Bhubaneswar News: पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में एक जनवरी से नयी दर्शन व्यवस्था लागू होगी. श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ओडिशा सरकार यह व्यवस्था शुरू करने जा रही है. कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को यह जानकारी दी. कहा कि सरकार एक जनवरी से जगन्नाथ मंदिर में सार्वजनिक दर्शन के लिए नयी व्यवस्था शुरू करने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. 27 या 28 दिसंबर तक नयी व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक कार्य पूरे कर लिये जायेंगे. 30 और 31 दिसंबर को दो दिनों के लिए नयी व्यवस्था प्रायोगिक आधार पर शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि एक जनवरी से नयी दर्शन व्यवस्था पूरी तरह लागू कर दी जायेगी.
महिलाओं, बच्चों, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए होगी विशेष व्यवस्था
कानून मंत्री ने कहा कि इस नयी व्यवस्था के तहत मंदिर में आने वाली महिलाओं, बच्चों, दिव्यांग व्यक्तियों और वरिष्ठ व्यक्तियों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है. नयी व्यवस्था के अनुसार, भक्त मौजूदा द्वार (सतपहाचा) से जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करेंगे, जबकि बाहर निकलने के लिए दो अलग-अलग द्वार (घंटी और गरदा) होंगे. हरिचंदन ने कहा कि उन्होंने और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने शनिवार को मंदिर का दौरा किया और मंदिर में नयी सुविधा शुरू करने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की.
नाटमंडप में छह पंक्तियों में लकड़ी के अवरोधक लगाने की योजना
इससे पहले श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने कहा था कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि श्रद्धालुओं को अक्सर भीड़ के कारण गर्भगृह में देवताओं के दर्शन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस कदम के तहत नाटमंडप में अलग से अवरोधक लगाये जायेंगे, साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने कहा था कि नाटमंडप में छह पंक्तियों में लकड़ी के अवरोधक लगाने की योजना बनायी जा रही है. इस कार्य के लिए ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड को नियुक्त किया गया है और उसने वर्ष के अंत तक इस कार्य को पूरा करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि इस कार्य से मंदिर में दैनिक अनुष्ठान और रत्न भंडार के मरम्मत कार्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पाढ़ी ने यह भी कहा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने रत्न भंडार का जीर्णोद्धार कार्य तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. प्रसाद प्राप्ति की सुचारू प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आनंद बाजार में भी विशेष व्यवस्था की जायेगी. इस संबंध में एक समिति भी गठित की गयी है.
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