भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार की ओर से नव गठित उच्च-स्तरीय समिति ‘रत्न भंडार’ को पुनः खोलने की तारीख तय करने के लिए नौ जुलाई को बैठक करेगी. इस समिति का गठन जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ में आभूषणों समेत कीमती वस्तुओं की सूची बनाने के काम की निगरानी के लिए किया गया है. उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने शनिवार को पुरी में समिति की पहली बैठक के बाद यह जानकारी दी. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि उपलब्ध दस्तावेजों और ब्यौरे की जांच करने के बाद यह पाया गया कि रत्न भंडार की एक ””डुप्लिकेट”” चाबी पुरी सरकारी खजाने में है, इसलिए हमने रत्न भंडार को फिर से खोलने की तारीख तय करने के लिए नौ जुलाई को समिति की एक और बैठक आयोजित करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को अगली बैठक में समिति के समक्ष रत्न भंडार की ‘डुप्लिकेट’ चाबी पेश करने को कहा गया है.
जरूरत पड़ी, तो तोड़ेंगे लंबे समय से बंद ताला
जस्टिस रथ ने कहा कि चूंकि खजाने का आंतरिक कक्ष कई दशकों से नहीं खुला है और दरवाजे का ताला काम नहीं कर रहा होगा, इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए ऐसी स्थिति में ताला तोड़ने के लिए सरकार की मंजूरी से मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जायेगी. उन्होंने कहा कि समिति ने पाया कि खजाने में रखे आभूषणों और अन्य कीमती वस्तुओं को हटाए बिना मरम्मत का काम शुरू नहीं किया जा सकता, इसलिए बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मरम्मत के कार्य के दौरान आभूषणों के उचित भंडारण के बारे में मंदिर प्रबंध समिति से निर्णय लेने को कहा जाये.
आरएसपी ने पुरी में रथयात्रा उत्सव के लिए 1.4 लाख पैकेज्ड पानी की बोतलें उपलब्ध कराया
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने पुरी में विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा उत्सव के दौरान पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 लाख रुपये मूल्य की 1.4 लाख पैकेज्ड पानी की बोतलें उपलब्ध करायी हैं. पानी की बोतलों को आधिकारिक तौर पर पुरी के ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता के कार्यकारी अभियंता को सौंप दिया गया. वरिष्ठ प्रबंधक (संपर्क कार्यालय, आरएसपी), अरुण कुमार पंडा ने इस समारोह में कंपनी का प्रतिनिधित्व किया. उत्सव देखने आने वाले असंख्य भक्तों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए बोतलें नि:शुल्क वितरित की जायेंंगी. उल्लेखनीय है कि, हर साल दुनिया भर से लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की दिव्य रथ यात्रा को देखने के लिए पुरी के ‘बड़ दांड’ में आते हैं, जो धार्मिक भव्यता के बीच उनके गर्भगृह से गुंडिचा मंदिर तक जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है