झारसुगुड़ा. भारतीय रेलवे के मानचित्र पर झारसुगुड़ा का विशेष स्थान है. इस जिले में उपलब्ध खदानों व उद्योग से रेलवे को भरपूर राजस्व राजस्व मिल रहा है. लेकिन तीन रेलवे डिवीजन के बीच होने के कारण झारसुगुड़ा को न तो महत्व मिल रहा है, न ही यहां रेल सेवा का आशानुरूप विकास हो पा रहा है. जिससे वर्तमान चुनाव के दौरान एक बार फिर से झारसुगुड़ा को तीन रेल डिवीजन से निकाल कर झारसुगुड़ा को एक अलग डिवीजन बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होने के बावजूद झारसुगुड़ा के प्रति रेल विभाग की उपेक्षा लोगों को व्यथित कर रही है. वर्षों से झारसुगुड़ा में आवश्यक रेल ओवरब्रिज, अंडरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. तीन रेल डिवीजन के बीच होने के कारण झारसुगुड़ा में पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है. इसलिए गत 35 वर्षों से झारसुगुड़ा को एक नया डिवीजन बनाने की मांग होती रही है. लेकिन वह भी फाइल में ही दब कर रह गयी है.
रेल फाटक बंद रहने से लोगों को होती है परेशानी
झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन का इलाका दक्षिण पूर्व रेलवे के अधीन आता है. जबकि झारसुगुड़ा को संबलपुर से जोड़ने वाली रेल लाइन व झारसुगुड़ा रोड स्टेशन अंचल पूर्व तट रेलवे के अधीन है. वहीं झारसुगुड़ा से बिलासपुर को जोड़ने वाला रेल पथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधीन आता है. झारसुगुड़ा रोड रेलवे स्टेशन व झारसुगुड़ा स्टेशन के बीच गोशाला रेल फाटक है. यहां से कुछ दूरी पर सिरिया बगीचा रेल फाटक व चौकी पारा रेल फाटक है. ये तीनों फाटक अधिकतर समय बंद रहते हैं. जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है. लोगों को घंटों खड़ा रहना पड़ता है. मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर अभी तीन रेल लाइन है और चौथी लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं झारसुगुड़ा संबलपुर के बीच दो लाइन है. इस मार्ग पर गोशाला व सिरिया बगीचा रेल फाटक हैं. मगर रेल ट्रैफिक के चलते उक्त दोनों फाटक घंटों बंद रहते हैं. जिससे लोगों को यहां खड़ा रहना पड़ता है. गत 2016/2017 आर्थिक वर्ष में रेल फाटक व ओवरब्रिज एवं अंडर ब्रिज निर्माण के लिए रेल विभाग की मंजूरी मिली थी. मगर यह भी आज तक पूरा नहीं हो पाया है.एक साल से बंद है फुट ओवर ब्रिज
झारसुगुड़ा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित पुराना फुट ओवरब्रिज गत एक साल से बंद पड़ा है. यात्रियों को करीब आधा किलोमीटर तक चल कर दो नंबर प्लेटफॉर्म पर जाना पड़ता है. नया फुट ओवरब्रिज को पूरा होने में अभी भी दो महीने से अधिक समय लग सकता है. झारसुगुडा को रेल डिवीजन की मान्यता व रेल सेवा के क्षेत्र में उन्नति की विभिन्न मांगों को पूरी किये जाने की दिशा में केंद्रीय स्तर पर राजनीतिक दबाव नहीं बनाये जाने को स्थानीय लोगों ने दुर्भाग्यजनक बताया है.
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