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Rourkela News: कोइड़ा माइनिंग सेक्टर से हर दिन सैकड़ों मीट्रिक टन लौह और मैंगनीज अयस्क की हो रही लूट

Rourkela News: कोइड़ा माइनिंग सेक्टर से हर दिन सैकड़ों मीट्रिक टन लौह और मैंगनीज अयस्क की लूट हो रही है. इस पर नकेल कसने में खान व वन विभाग विफल है.

Rourkela News: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले का कोइड़ा खनन क्षेत्र जहां अपनी खनिज संपदा के लिए देश के मानचित्र में शीर्ष स्थान रखता था, अब एक अलग रूप ले चुका है. यहां विगत दो दशक या उससे अधिक समय से विभिन्न क्रसरों व रेलवे साइडिंग के जरिये करोड़ों रुपये के खनिज संसाधनों की लूट की जा रही है, जबकि खान विभाग केवल क्रसर मालिकों से जुर्माना वसूलकर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर रहा है.

दो दशक में करोड़ों रुपये के काला हीरा की हुई लूट

स्थानीय लोगों का आरोप है कि खदान मालिकों के खिलाफ कभी यह जांच नहीं की गयी कि अत्यधिक लौह पत्थर कहां से और किस स्रोत से आ रहे थे. कई वर्षों से कोइड़ा क्षेत्र के कान्हू साही, ओरघाट, कलमांग, बलडीही, मालदा, गिदेई, कुसुमडीही, गनुआ, दलिता, सानुआ, सरगीगढ़, देवघर, पटवेधा, काकरपानी, केनावेटा, पानपोसिया आदि क्षेत्र पीआरएफ व आरएफ अंचल हैं, जो कि वन विभाग के दायरे में आता है. यहां दो दशक से करोड़ों रुपये से अधिक मूल्य के लौह अयस्क और मैंगनीज अयस्क (काला हीरा) की लूट की गयी. वर्ष 2025 में स्थिति अब ऐसी हो गयी है कि प्रतिदिन 200 मीट्रिक टन से अधिक उच्च श्रेणी का मैंगनीज अयस्क उपरोक्त क्षेत्रों से या कोइड़ा खनन मंडल से लूटे जा रहे हैं. इस चोरी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कुछ वन अधिकारियों की संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं. जिन खनन क्षेत्रों में वे मुनाफा कमा रहे हैं, वहां के कई निवासी इसकी शिकायत भी करते रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि वन विभाग के अधिकारी या जिला प्रशासन या राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हो रही हानि

जिस तरह 24 साल की नवीन सरकार में खनन चोरी जारी रही थी, उसी तरह मोहन माझी सरकार के दौरान भी कोइड़ा खनन क्षेत्र से खनिज लूटने का दौर जारी है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि होने की बात कही जा रही है. दूसरी ओर इस घटना के संबंध में खनन विभाग द्वारा वन विभाग के कुछ अधिकारियों को दो पत्र भेजे जाने से खनन चोरी और चोरी में शामिल अधिकारियों के बीच साठगांठ के आरोपों को और मजबूती मिली है. अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस खनन चोरी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कब कार्रवाई करती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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