राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचीं द्रौपदी मुर्मू, पुरानी यादें कीं साझा

Droupadi Murmu: द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक घर पहुंचीं. इस दौरान वह भावुक हो गयीं. उन्होंने कहा कि वह अपने गांव को हमेशा परिवार की तरह माना है.

By Sameer Oraon | December 6, 2024 10:34 PM

रायरंगपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने के बाद पहली बार शुक्रवार को अपने गांव उपरबेड़ा और पैतृक घर पहुंचीं. ओडिशा के मयूरभंज जिले में अपने जन्मस्थान उपरबेड़ा गांव की यात्रा करने के दौरान वह भावुक हो गयीं. उन्होंने कहा कि वह अपने गांव को हमेशा परिवार की तरह माना है. गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति उपरबेड़ा सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की थी. उनके स्वागत के लिए स्कूल और पूरे गांव को सजाया गया था. शिक्षकों, छात्रों और ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया.

राष्ट्रपति ने छात्रों से की बात

छात्रों से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह 66 साल की हैं और आज भी वह अपने स्कूल और गांव में एक बच्चे की तरह महसूस करती हैं. उन्हें याद है कि कैसे शिक्षक मिट्टी की दीवारों वाली कक्षाओं में पढ़ाते थे. उन्होंने कहा कि शिक्षक और गांव के लोग उन्हें परिवार के सदस्य की तरह मानते हैं, किसी बाहरी व्यक्ति की तरह नहीं.

राष्ट्रपति ने स्कूल के दिनों को किया याद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें अभी भी वे दिन याद हैं, जब वह कक्षा 7 की छात्रवृत्ति परीक्षा की तैयारी कर रही थीं. उनके शिक्षक मदन मोहन सर उन्हें अपने परिवार के पास ले गये और वह परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके बच्चों के साथ रहीं. इस गांव और स्कूल से उन्हें जो प्यार और स्नेह मिला है, वह अद्वितीय है. उन्होंने बसंत सर और बिश्वम्भर बाबू जैसे शिक्षकों और कुछ अन्य लोगों को भी याद किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को बामनघाटी अनुमंडल के उपरबेड़ा गांव में संताली परिवार में हुआ था. उन्होंने 25 जुलाई 2022 को भारत के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया था.

स्कूल के शिक्षकों को किया सम्मानित, 200 छात्रों को दिये उपहार

राष्ट्रपति ने एक समारोह में अपने शिक्षकों को सम्मानित किया, जिनमें उनके स्कूल के प्रधानाध्यापक बिशेश्वर मोहंता, कक्षा प्रभारी बासुदेव बेहरे और कक्षा 4 और 5 के कक्षा प्रभारी रहे बसंत कुमार गिरि शामिल हैं. उन्होंने उपरबेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के लगभग 200 छात्रों को चॉकलेट और टिफिन बॉक्स समेत स्कूल बैग उपहार में दिये. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे ईमानदारी से पढ़ाई करें और शिक्षकों, माता-पिता और गांव के बुजुर्गों की सलाह मानें.

राष्ट्रपति ने ग्रामीणों के साथ पारंपरिक आदिवासी नृत्य किया

राष्ट्रपति के दौरे से पहले पूरे गांव को सजाया गया था. ओडिशा के वन और पर्यावरण मंत्री गणेश रामसिंह खूंटिया ने गांव में तैयारियों का निरीक्षण किया. खूंटिया ने कहा कि राष्ट्रपति सर्वोच्च पद संभालने के बाद पहली बार अपने जन्मस्थान का दौरा कर रही हैं. पूरा इलाका उन्हें देखकर रोमांचित है और गौरवान्वित महसूस कर रहा है. गांव की साफ-सफाई और अपने घरों को सजाने के अलावा ग्रामीणों ने राष्ट्रपति के स्वागत में अपना पारंपरिक आदिवासी नृत्य भी किया. गांव की सड़कों को रंगोली से सजाया गया था. उनके रिश्तेदारों ने ‘अरिसा’ और ‘मंडा पीठा’ समेत विभिन्न प्रकार के केक तथा चावल और साग के व्यंजन बनाये हैं. राष्ट्रपति के उपरबेड़ा और रायरंगपुर क्षेत्र के दौरे के लिए पुलिस बल की कुल 40 पलटन तैनात की गयी हैं.

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