Rourkela News: बणई शहर में फिर घुसा हाथी, खौफजदा लोगों ने भाग कर बचायी जान
Rourkela News: बणई शहर में हाथी के घुस आने से स्थानीय लोग भयभीत दिखे. वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद उसे खदेड़ा.
Rourkela News: बणई शहर में मंगलवार की रात फिर एक बार गजराज घुस आया. जिस कारण पूरे शहर में खौफ का आलम देखा गया. लोग इधर-उधर भागते नजर आये. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम किसी तरह हाथी को जंगल में खदेड़ने के लिए मशक्कत करती रही. काफी प्रयास के बाद हाथी को जंगल में वापस खदेड़ा गया. लेकिन इस दौरान शहरवासियों में दहशत देखी गयी. लोग हाथी को खदेड़ने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करते दिखे. जिससे गजराज और ज्यादा आक्रोशित हो गया. कई बार लोग उसकी चपेट में आने से बाल-बाल बचे. वन विभाग के अनुसार गजराज अपने दल से बिछड़ गया है और जहां-तहां भटक रहा है.
शहर के पांच किमी के दायरे में घूम रहा हाथी
स्थानीय लोगों के अनुसार जंगल से निकलने के बाद यह हाथी शहर के आसपास पांच किमी के दायरे में घूम रहा था और फसल नष्ट कर रहा था. लेकिन बाद में यह शहर के अंदर घुस आया. बणई की मुस्लिम बस्ती से होकर मुख्य सड़क पर हाथी अंदर आया. जिसपर नजर पड़ते ही लोग दहशत में आ गये. फिर उसे भगाने की कोशिश शुरू हुई. वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और सभी ने मिलकर हाथी को नर्सरी के पास वाले इलाके से वन की ओर भेजने की कोशिश की. किसी तरह हाथी को वहां भेज तो दिया गया है, लेकिन लोग भयभीत हैं कि कहीं दोबारा हाथी आ ना जाये. वन विभाग का कहना है कि वह नजर बनाए हुए हैं और प्रयास रहेगा कि हाथी दोबारा शहर में नहीं घुसे. गौरतलब है कि इससे पहले भी हाथी शहर में घुस चुका है. बणई अनुमंडल में नियमित इस तरह की घटना हो रही है.
लाठीकटा : सुइडीही पुल के पास पहुंचा 17 हाथियों का झुंड, एक घंटे तक एनएच पर रहा जाम
लाठीकटा के सुइडीही पुल के पास हाथियों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-143 पर यातायात एक घंटे तक पूरी तरह अवरुद्ध रहा. इन हाथियों को हटाने में वन विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी. जानकारी के अनुसार, मंगलवार की रात 17 हाथियों का एक झुंड थेपाटोली के पास जंगल में था. इसका पता चलने पर जब वन अधिकारियों ने उन्हें भगाने की कोशिश की, तो वे बुधवार की सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग-143 के नये और पुराने पुल के बीच रुक गये. सुबह हाथियों को देखने के लिए हाइवे पर लोगों की भीड़ लग गयी.
वन विभाग ने आतिशबाजी कर हाथियों को सड़क पार कराने की कोशिश की
वन विभाग की टीम ने आतिशबाजी कर व आग जलाकर सड़क को दोनों तरफ से अवरुद्ध करके हाथियों को सड़क पार कराने की कोशिश की, लेकिन हाथी सड़क के किनारे आ गये और फिर से वापस चले गये. वहीं दोपहर 12:00 से 1:00 बजे के बीच हाथियों के झुंड के सड़क से थोड़ी दूर जाने के बाद वाहनों को दोबारा चलाया गया. पानपोष रेंजर ज्ञानेंद्र लीमा स्वयं घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देने के साथ वहां से लोगों को चले जाने का परामर्श दिया. उन्होंने बताया कि शाम के समय हाथियों को राष्ट्रीय राजमार्ग के पार थेपाटोली जंगल में भेजने की योजना है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है