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मयूरभंज : बेतनटी रेंज में हाथियों ने दीवार तोड़ी, दो वर्ष के बच्चे की दबकर मौत

ओडिशा के विभिन्न जिलों में हाथियों का उत्पात जारी है. मयूरभंज जिले में शुक्रवार देर रात हाथियों ने एक घर की दीवार गिरा दी. इसमें दब कर एक बच्चे की मौत हो गयी.

मयूरभंज. बेतनटी रेज व ब्लॉक क्षेत्र के सइतपुर गांव में शुक्रवार देर रात हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों के हमले में एक घर की दीवार ढह गयी. इस दीवार के नीचे दबकर दो वर्ष के एक बच्चे की मृत्यु हो गयी. वह युद्धिष्ठिर किस्कू और रीना किस्कू का एकमात्र पुत्र था. जानकारी के मुताबिक, खाने की तलाश में सात हाथियों का झुंड शुक्रवार देर रात सइतपुर गांव में घुस आया. इनमें से दो हाथियों ने युद्धिष्ठिर के घर पर हमला बोल दिया. घर के अंदर युद्धिष्ठिर की मां सालगे किस्कू, पत्नी रीना किस्कू और दो वर्ष का बच्चा सो रहे थे.सालगे और रीना बाल-बाल बच गये, जबकि दिव्य प्रकाश (दो वर्ष) दीवार के मलबे में दब गया. हाथियों के जाने के बाद लोगों ने मलबे से बच्चो को निकाल कर वन विभाग की सहायता से बेतनटी अस्पताल पहुंचाया. लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वैसिंगा पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच में जुटी है.

झारसुगुड़ा : हाथियों के भय से शाम होते ही घरों में कैद हो जा रहे ग्रामीण

झारसुगुड़ा जिला अंतर्गत किरमिरा ब्लाॅक के पितामाल जंगल के आसपास के गांवों के लोगों में जंगली हाथियों का भय बना हुआ है. यहां हाथी अक्सर गांव की सीमा में घुस जा रहे हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ घराें को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं. इस जंगल में 24 जून से चार जंगली जमे हुए हैं. बारबार गांव में घुस कर धान की फसल खाने के साथ-साथ साग-सब्जी को भी नष्ट कर रहे हैं. हाथियों के भय से शाम होते ही लोग घरों पर कैद हो जा रहे हैं. इस संबंध में बागडीही वन विभाग के फॉरेस्टर मुरारी प्रसाद साहू ने बताया कि पिछले एक माह से चार दंतैल हाथी कादोबहाल, कुबापारा, देवयानी, पितमाल, वुंगावेरणा, भीमजोर, सरसमाल व खेरियाकानी आदि गांव में जंगल से सटे इलाके में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

हाथियों को खदेड़ने में जुटे हैं वन विभाग के कर्मचारी

वन विभाग के 19 कर्मचारी हाथियों को गांव की सीमा से दूर खदेड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं. दो टीमों में बंटकर हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. माइक के जरिये गांव वालों को जंगल में नहीं जाने, जंगल की सीमा से दूर रहने. शाम होने के बाद इधर- उधर नहीं घूमने के प्रति सचेत किया जा रहा है. इसके अलावा वन विभाग के अधिकारी भी हाथियों के उपद्रव पर नजर रखे हुए हैं तथा हाथियों को जंगल के भीतर ही सीमित रखने का प्रयास कर रहे हैं.

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