Rourkela News: स्मार्ट सिटी राउरकेला में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कोई नयी बात नहीं है. जिसे जहां भी मौका मिला, जमीन पर कब्जा कर लिया और घर बना लिया. अब शहर के एक तकनीकी संस्थान उत्कलमणि गोपबंधु इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (यूजीआइइ) की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर फैक्ट्री लगाने की घटना लोगों के सामने आयी है. शहर के केंद्र कहे जाने वाले जेल रोड में स्थित इस संस्थान के अधिकारियों ने बार-बार स्थानीय तहसील कार्यालय, अतिरिक्त जिलापाल, जिलापाल से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
2017 में शुरू हुई थी जमीन पर कब्जा करने की प्रक्रिया
दरअसल इस तकनीकी संस्थान की जमीन पर कब्जा करने की प्रक्रिया 2017 में शुरू हुई थी. एसटीआइ ओवर ब्रिज के निर्माण की जिम्मेदारी डेवलपर ब्राह्मणी इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी थी. उस उक्त संस्था ने निर्माणाधीन परियोजना स्थल से सटे यूजीआइइ की जमीन पर बालू, लोहे की छड़ें, चिप्स आदि का भंडारण किया था. मार्च 2019 में ओवर ब्रिज का शुभारंभ हो गया है. अब इसको लगभग दो साल हो गये है, लेकिन डेवलपर ने कड़े विरोध के बाद जमीन खाली की थी. वहीं जनवरी, 2023 में यूजीआइइ की खुली जगह का उपयोग हॉकी विश्व कप के लिए हॉकी स्टेडियम और अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए किया गया था. उस समय तत्कालीन जिलापाल ने यूजीआइइ प्राचार्य को उक्त जमीन उपलब्ध कराने का लिखित आदेश दिया था. बाद में वहां सीमेंट, रेत, चिप्स, लोहे का सामान आदि रखा गया और कंक्रीट मिक्सर फैक्ट्री स्थापित की गयी. इस बीच सभी परियोजनाओं का निर्माण पूरा हुए दो साल बीत गये, लेकिन मिक्सर फैक्ट्री अब यहां दिन-रात बेधड़क चल रही हैं, जो बड़े पैमाने पर पर्यावरण को प्रदूषित कर रही हैं.
बार-बार अनुरोध के बाद भी फैक्ट्री मालिक ने नहीं खाली की जमीन
आरोप है कि संस्थान की ओर से बार-बार जमीन खाली करने का अनुरोध किये जाने के बावजूद फैक्ट्री के मालिक ने जगह खाली नहीं की. यूजीआइइ की उक्त भूमि पर छात्रावास, कक्षाएं और अन्य परियोजनाएं बनाने की योजना है, लेकिन यह परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी, क्योंकि अतिक्रमणकारियों ने जमीन खाली नहीं की है. दो साल पहले कॉलेज प्रशासन ने इस ओर तहसीलदार, उप-जिलापाल का ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. बढ़ते असंतोष के चलते तहसील अधिकारियों ने कदम उठाया है. विगत 28 तारीख को तहसील अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने के लिए राउरकेला एसपी का ध्यान आकृष्ट कराया था. उन्होंने पत्र में बताया कि 30 तारीख को सुबह 10 बजे से निष्कासन की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके लिए आवश्यक पुलिस बल की तैनाती की जायेगी. दुर्भाग्य से किसी कारणवश निष्कासन प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी. यूजीआइइ की बहुमूल्य भूमि अभी भी कब्जे में है.
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