Jharsuguda News: 25.73 करोड़ की लागत वाली पार्वती गिरि मेगा लिफ्ट इरिगेशन परियोजना बनी शोपीस, किसानों को नहीं मिला लाभ
Jharsuguda News: कोलाबीरा ब्लॉक में 25.73 करोड़ रुपये से बने लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है.
Jharsuguda News: किसानों के हितों को ध्यान में रखकर झारसुगुड़ा जिला के कोलाबीरा ब्लॉक में सामासिंघा के पास भेड़न नदी के किनारे पार्वती गिरि मेगा लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट का निर्माण कराया गया था. लेकिन इसके निर्माण में त्रुटि के कारण जिस उद्देश्य से इस परियोजना का निर्माण कराया गया था, वह पूरी नहीं हो पा रही है. नतीजतन सिंचाई की उपयुक्त सुविधा के अभाव में फसल नष्ट हो रही है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. भेड़न नदी में पानी तो है, लेकिन लिफ्ट इरिगेशन परियोजना इसे खेतों तक पहुंचाने में विफल साबित हो रही है. इस समस्या को लेकर अंचल के किसानों ने जिलाधीश अबोली सुनील नरवाणे से मिलकर हस्तक्षेप की मांग की है. तुरंत इस दिशा में आवश्यक कदम उठाकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे, इसकी व्यवस्था करने की मांग की है.
सिंचाई के अभाव में बर्बाद हुई फसल, किसानों ने जिलाधीश से लगायी गुहार
कोलाबीरा ब्लॉक के सामासिंघा अंचल में धान की खेती वर्तमान सूखे के कारण बर्बाद हो रही है. भेड़न नदी में बने इस प्रोजेक्ट में जहां मोटर बैठाया गया है, वहां तक नदी का पानी नहीं पहुंच पा रहा. प्रोजेक्ट निर्माण के समय यहां बराज निर्माण का जो आश्वासन दिया गया था, वह भी पूरा नहीं किया गया. कोलाबीरा ब्लॉक में सूखे की स्थिति बन गयी है. अगर समय रहते अस्थायी बांध बनाकर पानी पहुंचाने की व्यवस्था नहीं की गयी, तो पूरे इलाके में धान की फसल के नष्ट होने का खतरा है. किसानों ने जिलाधीश से प्रोजेक्ट को जल्द शुरू कराने की मांग की है. साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे प्रोजेक्ट में ताला लगा कर आंदोलन का रास्ता अपनायेंगे. सामासिंघा मां दुर्गा कृष्ण संघ ने कहा कि पहले भी हमने बहुत मर्तबा मांग की थी, मगर किसी ने इस पर लेस मात्र भी ध्यान नहीं दिया. जिससे अब हमारा प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है.
किसानों ने जिलाधीश से मुलाकात कर समस्याओं से कराया अवगत
राज्य के जल संसाधन विभाग की ओर से सामासिंघा में 25 करोड़ 73 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2015 में उक्त मेगा लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू किया गया था. दो वर्ष बाद वर्ष 2017 में यह पूरा हुआ. मगर निर्माण के बाद से ही प्रोजेक्ट खेतों तक पानी पहुंचाने में असफल रहा. जिसे लेकर किसानों में असंतोष देखा जा रहा है. वहीं वर्तमान में यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से अचल पड़ा है. इसे लेकर किसान संघ के अध्यक्ष चेतनानंद पटेल, तुलेश्वर पटेल व मंटू नायक सहित संघ के 15 से अधिक किसानों ने झारसुगुड़ा जिलाधीश से मिल कर उन्हें सभी समस्याओं से अवगत कराने के साथ इसके समाधान की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है