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विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का चांद पर उतरना राष्ट्रीय गर्व का क्षण था : प्रो मूर्ति

एनआइटी में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस शुक्रवार को मनाया गया. ‘चांद को छूते हुए जीवन को छूना : भारत की अंतरिक्ष गाथा’ थीम पर कार्यक्रम आयोजित हुआ.

राउरकेला. एनआइटी राउरकेला ने ‘चांद को छूते हुए जीवन को छूना : भारत की अंतरिक्ष गाथा’ थीम के प्रेरणादायक आयोजन के साथ राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया. इस आयोजन का समन्वयन भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग के प्रो अनंता चरण प्रधान और पृथ्वी और वायुमंडलीय विज्ञान विभाग के प्रो नरेश कृष्णा विस्सा ने एनआइटी राउरकेला के खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी क्लब के सहयोग से किया, जिसमें एनआइटी राउरकेला और स्थानीय स्कूलों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बेंगलुरु के प्रोफेसर जयंत मूर्ति द्वारा मुख्य भाषण के साथ किया गया. प्रो मूर्ति के भाषण ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, क्योंकि उन्होंने अंतरिक्ष आधारित खगोल विज्ञान पर अपने गहरे विचार साझा किये. प्रो मूर्ति ने वैश्विक संचार और मौसम पूर्वानुमान से लेकर जीपीएस और सैन्य अनुप्रयोगों तक के अंतरिक्ष अध्ययनों के गहरे लाभों पर भी जोर दिया. उन्होंने मिल्की वे, डार्क मैटर, ब्लैक होल, नेबुला और खगोलीय उपकरणों का शैक्षिक अवलोकन भी प्रदान किया और भारत के चंद्रयान-3 मिशन के महत्व की व्याख्या की. उन्होंने कहा यह एक राष्ट्रीय गर्व का क्षण था जब विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद पर उतरे. चंद्रयान-3 एक कम लागत के साथ पूरा किया गया मिशन था. यह केवल भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि ही नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अपनी प्रतिभा और संकल्प से क्या हासिल कर सकता है.

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग प्रतिभागियों ने देखी

मुख्य भाषण के बाद प्रतिभागियों ने नयी दिल्ली के भारत मंडपम से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग देखी, जहां भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और चंद्रयान की चांद पर लैंडिंग की वर्षगांठ पर अंतरिक्ष दिवस मनाने के निर्णय का स्वागत किया. राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के इस महीने के दौरान, एनआइटी राउरकेला ने अंतरिक्ष से संबंधित विषयों पर एक पोस्टर प्रदर्शनी प्रतियोगिता और एक क्विज प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया था. प्रो स्नेहाशिष चक्रवर्ती (एनआइटी राउरकेला के प्रभारी निदेशक), प्रो ज्योति प्रकाश कर (भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग के प्रमुख) और प्रो राजीव कुमार पांडा (छात्र गतिविधि केंद्र के अध्यक्ष) ने इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को कार्यक्रम के समापन सत्र में पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किये. प्रो. चक्रवर्ती ने भी प्रतियोगिता के जजों, प्रो एसएम इक्वीनुद्दीन, प्रो संतोष कुमार दास और प्रो सुशांत कुमार बिसोई को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया.

इसरो के अंतरिक्ष मिशनों पर वीडियो स्क्रीनिंग हुई

इस आयोजन का समापन इसरो के अंतरिक्ष मिशनों पर एक वीडियो की स्क्रीनिंग के साथ हुआ, जिसने दर्शकों को भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण की निरंतर यात्रा से प्रेरित किया. कार्यक्रम की मेजबानी प्रो अभय प्रताप यादव ने की. इस वर्ष का राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि की पहली वर्षगांठ के रूप में चिह्नित करता है, जो 23 अगस्त 2023 को चांद पर उतरने वाला चौथा राष्ट्र बना और चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र तक पहुंचने वाला पहला. यह भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में प्रगति का सम्मान करने के लिए पूरे देश में मनाया.

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