ऑनलाइन गेमिंग से धोखाधड़ी में बणई के दो युवकों समेत चार गिरफ्तार
बणई में इडी की टीम ने छापेमारी की थी. इस जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए बणई के दो युवकों समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
राउरकेला. प्रवर्तन निदेशालय (इडी), कोलकाता ने फीविन एप आधारित ऑनलाइन सट्टेबाजी/गेमिंग धोखाधड़ी के संबंध में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश और जोसेफ स्टालिन नामक आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही इडी ने ऑनलाइन गेमिंग एप ‘फीविन’ के माध्यम से धोखाधड़ी और साजिश के लिए अज्ञात जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ आइपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत कोलकाता के काशीपुर पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर जांच शुरू कर दी है. इडी ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है.
आरोपियों की मदद से एप का संचालन कर रहे थे चीनी नागरिक
इडी की जांच में पता चला है कि कुछ चीनी नागरिक भारतीय नागरिकों की मदद से एप का संचालन कर रहे थे. फीविन एप के माध्यम से भोले-भाले ऑनलाइन गेमर्स से जुटाये गये फंड को विभिन्न लोगों के बैंक खातों में जमा कराया गया. जिन्होंने कुछ कमीशन के बदले एप मालिकों को अपने खातों का उपयोग करने की अनुमति दी थी. ओडिशा के बणई में रहने वाले अरुण साहू और आलोक साहू ने ‘रिचार्ज पर्सन’ के रूप में काम किया और फीविन एप से उनके बैंक खातों में प्राप्त धन को क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया. उन्होंने फीविन एप से अर्जित क्रिप्टो करेंसी को बिनेंस नामक विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज पर चीनी नागरिकों के वॉलेट में जमा किया और लॉन्ड्रिंग की.
बिहार व चेन्नई के साफ्टवेयर इंजीनियरों ने की मदद
बिहार के पटना में रहने वाले इंजीनियर चेतन प्रकाश ने ऐसे ‘रिचार्ज पर्सन’ को आइएनआर को क्रिप्टो करेंसी (यूएसडीटी) में बदलने में मदद करके मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. चेन्नई में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर जोसेफ स्टालिन ने गांसु प्रांत के पाई पेंग्युन नामक चीनी नागरिक को स्टूडियो 21 प्राइवेट लिमिटेड का सह-निदेशक बनने में मदद की, जो उनकी स्वामित्व वाली कंपनी है. पाई पेंग्युन ने स्टूडियो 21 प्राइवेट लिमिटेड के खाते का इस्तेमाल एप से संबंधित बल्क पेआउट सेवाओं के लिए किया, जिससे उन्हें शुरुआत में गेमर्स का विश्वास जीतने में मदद मिली और एप उपयोगकर्ताओं से बड़े दांव लगाने के लिए उकसाया. भुगतान सेवाओं के लिए उपयोग की जाने वाली धनराशि जोसेफ स्टालिन द्वारा चीनी संचालकों द्वारा नियंत्रित वॉलेट से अपने बिनेंस खाते में क्रिप्टो करेंसी के रूप में प्राप्त की गयी थी. बदले में उन्होंने बिनेंस पर पीटूपी मोड के माध्यम से क्रिप्टो बेचकर यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी को भारतीय रुपयों में बदल दिया.
धोखाधड़ी कर 400 करोड़ की रकम जुटायी गयी
इडी की जांच में आगे पता चला कि फीविन एप आधारित धोखाधड़ी से 400 करोड़ रुपये की रकम जुटायी गयी. उसके बाद चीनी नागरिकों के नाम पर आठ बिनेंस वॉलेट में जमा कर दी गयी. एक्सेस आइपी लॉग से पता चला है कि ये वॉलेट चीन से संचालित किये गये थे. चीनी नागरिकों ने डिजिटल संचार विशेष रूप से टेलीग्राम समूहों के माध्यम से उपरोक्त नामित आरोपियों के साथ संवाद किया और उन्हें निर्देश दिये. चूंकि उपरोक्त चार व्यक्तियों अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश, जोसेफ स्टालिन ने फीविन एप आधारित घोटाले में सक्रिय भूमिका निभायी और वे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल पाये गये हैं, इसलिए उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया और विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष पेश किया गया. न्यायालय ने सभी चार आरोपियों को 14 दिनों की अवधि के लिए इडी की हिरासत में भेज दिया है.
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