Rourkela News: परिवार की एकजुटता व मार्गदर्शन में दादा-दादी की भूमिका महत्वपूर्ण : डॉ चांदेल
Rourkela News: पानपोष सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में दादा-दादी सम्मेलन आयोजित हुआ. इसमें वरिष्ठ नागरिक सम्मानित हुए.
Rourkela News: पानपोष स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में समृद्ध भारतीय संस्कृति के परिचायक के तौर पर दादा-दादी सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें स्कूल प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. शिशु विद्या मंदिर की प्रारंभिक श्रेणी की शिखा शतपथी की दादी सीता शतपथी ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया. उन्होंने सभी के लिए सुख व समृद्धि की कामना की. साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में इस सम्मेलन का आयोजन करने के लिए स्कूल प्रबंधन का आभार जताया.
पोते-पोतियों के सर्वांगीण विकास में दादा-दादी की भूमिका पर प्रकाश डाला
मुख्य अतिथि विद्यालय प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष डॉ भवानीशंकर चांदेल तथा अन्य अतिथियों में उपाध्यक्ष चंदनलाल अग्रवाल, सचिव चंद्रध्वज माझी मंचासीन थे. प्रधानाचार्या उषारानी मिश्र ने अतिथियों का परिचय प्रदान किया. गुरुमां डॉली साहू ने सम्मेलन का संचालन किया. मुख्य अतिथि डॉ चांदेल ने परिवार में व्याप्त समस्या का समाधान करने, एकजुटता बनाये रखने व उचित मार्गदर्शन करने में दादा-दादी की भांति गुरुजनों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. शिशु वाटिका की प्रमुख सस्मिता साहू ने पोते-पोतियों के सर्वांगीण विकास में दादा-दादी की भूमिका पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर शिशु वाटिका के नौनिहालों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया. मुख्य अतिथि डॉ चांदेल समेत अन्य अतिथियों ने सभी उपस्थित दादा-दादी को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया. सभी दादा-दादी ने अपनी अनुभूति भी सभी के साथ साझा की. अंत में गुरुमां मधुस्किता महाकुड़ ने धन्यवाद ज्ञापन करने के साथ शांति पाठ किया. इस सम्मेलन के सफल आयोजन में सभी गुरुमां व गुरुजी का सक्रिय योगदान रहा.
श्री योग वेदांत सेवा समिति ने मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस
श्री योग वेदांत सेवा समिति की ओर से छात्र समाज को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, सोनापर्वत, मधुसूदन शिक्षा निवास, सेक्टर-17 में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया गया. बच्चों ने अपने माता-पिता को आसन पर विराजमान कर उनके माथे पर तिलक-चंदन लगाया तथा माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया. माता-पिता के चारों ओर सात बार घूमकर प्रदक्षिणा की गयी. इसी तरह माता-पिता ने भी उन्हें अपनी गोदी में बिठाकर उत्तम मनुष्य बनने का आशीर्वाद दिया. इस कार्यक्रम के आयोजन में मधुसूदन शिक्षा निवास की प्रधानशिक्षिका सौदामिनी मुदुली, शिक्षक-शिक्षिकाओं में झिलिमा मोहंती, रश्मिप्रिया स्वांई, सत्यभामा खुंटिया, क्षणप्रभा मोहंती, संतोष पलेई, अजय कुमार, विजय कुमार का सक्रिय योगदान रहा. समिति की ओर से समीर पटनायक, विश्वजीत सरकार, रामेश्वर दास, जयशंकर गौड़, विश्वंभर मोहंती, विरंची नायक, प्रीति विश्वकर्मा, परशुराम बड़ाइक समेत अन्य का सहयोग रहा.
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