लोकतंत्र के महापर्व में लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी दिखी

ओडिशा के छह लोकसभा और 42 विधानसभा सीटों पर डाले गये वोट,लोकसभा के 94, विधानसभा के 383 प्रत्याशियों की किस्मत इवीएम में कैद

By Prabhat Khabar News Desk | May 25, 2024 10:57 PM

भुवनेश्वर,ओडिशा की छह लोकसभा सीटों व 42 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान संपन्न हुआ. ओडिशा के संबलपुर, क्योंझर, ढेंकानाल, कटक, पुरी व भुवनेश्वर लोकसभा सीट पर इस बार कुल 94 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनकी भाग्य का फैसला मतदाताओं ने कर दिया है. वहीं उक्त लोकसभा सीटों के अधीन आने वाली 42 विधानसभा सीटों के लिए कुल 383 प्रत्याशियों की किस्मत भी इवीएम में कैद हो गयी. कुल 10,515 मतदान केंद्रों पर 121 कंपनी सीएपीएफ के जवान तैनात किये गये थए. संबलपुर में 12 कंपनी, देवगढ़ में दो कंपनी, अनुगूल में 12 कंपनी, ढेंकानाल में 8 कंपनी, मयूरभंज में दो कंपनी, क्योंझर में 17 कंपनी फोर्स तैनाती रही. इसके साथ-साथ कटक ग्रामीण में 11 कंपनी, कटक अर्बन पुलिस जिले में आठ, भुवनेश्वर अर्बन पुलिस जिले में 13, खुर्दा में 11, पुरी में 11 तथा नयागढ़ में 14 कंपनी सीएपीएफ के जवानों को तैनात किया गया था.

160 मतदान इकाइयों, 170 नियंत्रण इकाइयों और 390 वीवीपैट को बदला गया

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी निकुंज बिहारी धल ने कहा कि अब तक 160 मतदान इकाइयों, 170 नियंत्रण इकाइयों और 390 वीवीपैट को बदला गया है, क्योंकि मतदान शुरू होने से पहले किए गए अभ्यास के दौरान इवीएम में गड़बड़ी पायी गयी थी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नयागढ़ विधानसभा क्षेत्र के भापुर इलाके में एक मतदान केंद्र पर एक बुजुर्ग महिला मतदाता बीमार पड़ गयी थी. उन्होंने बताया कि इस महिला की अस्पताल में मौत हो गयी, जबकि ढेंकानाल लोकसभा सीट में हिंडोल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक मतदान केंद्र पर एक मतदान एजेंट की मौत हो गयी.

मोबाइल पर प्रतिबंध से निराश दिखे मतदाता

बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान स्थलों पर मोबाइल फोन ले जाने पर निर्वाचन आयोग के प्रतिबंध पर निराशा व्यक्त की. कुछ लोगों को मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के कारण बिना वोट डाले ही अपने घर लौटते देखा गया. उनका आरोप है कि इस तरह के प्रतिबंध की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गयी थी. ढल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान में कहा कि चूंकि मतदान केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन की अनुमति नहीं है, इसलिए लोग इन्हें मतदान स्थलों के बाहर स्थापित मतदाता सहायता बूथ (बीएलओ द्वारा प्रबंधित) पर जमा करा सकते हैं और मतदान के बाद फोन वापस ले सकते हैं.

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