Rourkela News: बंडामुंडा स्टेशन में कोरोना काल से बंद है आधा दर्जन ट्रेनों का ठहराव, यात्री परेशान
Rourkela News: बंडामुंडा रेलवे स्टेशन में कोरोना काल के दौरान आधा दर्जन एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया गया था.
Rourkela News: बंडामुंडा रेलवे स्टेशन में कोरोना काल से समलेश्वरी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, साउथ बिहार एक्सप्रेस, इस्पात एक्सप्रेस, टाटा एलेप्पी, धनबाद एलेप्पी, कुर्ला एक्सप्रेस, तपस्विनी एक्सप्रेस का ठहराव होता था. इससे रेलनगरी के निवासियों समेत रेलवे के कर्मचारियों को सहूलियत होती थी. लेकिन कोरोना काल में इन ट्रेनों का ठहराव समाप्त कर दिया गया. इसके बाद बंडामुंडा के निवासी, नेता व रेल यूनियन की ओर से रेल प्रशासन से बंडामुंडा स्टेशन में ट्रेनों के ठहराव को लेकर कई बार गुहार लगायी जा चुकी है. लेकिन स्थानीय से लेकर केंद्र सरकार और रेलवे के आला अधिकारी लोगों की इन मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वर्तमान बंडामुंडा रेलवे स्टेशन पर केवल झारसुगड़ा हटिया मेमू पैसेंजर, राउरकेला हटिया पैसेंजर, धनबाद अप, इस्पात अप का ठहराव हो रहा है.
आठ किमी दूरी तय कर राउरकेला से ट्रेन पकड़ रहे रेलनगरी के निवासी
बंडामुंडा रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से लोगों को आठ किलोमीटर की दूरी तय कर राउरकेला जाना पड़ता है. इससे रेल कर्मचारियों व स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है. खासकर रात के समय लोगों को राउरकेला जाकर ट्रेन पकड़ने में खासी दिक्कते होती हैं. ठंड के दिनों में सुबह की ट्रेन पकड़ने जाने में लोगों को कठिनाई होती है. कोरोना काल से पहले यहां रुकने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव पुनः शुरू करने की मांग रेलनगरी बंडामुंडा में तेज हो रही है.ट्रेनों का ठहराव बहाल करे रेल प्रशासन
दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के मंडल रनिंग शाखा सचिव एआर राय ने कहा कि चक्रधरपुर मंडल में बंडामुंडा एक प्रमुख स्थान है. यहां चार हजार रेलकर्मी परिवार के साथ रहते हैं. बंडामुंडा रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होना विडंबना है. कोरोना काल से पहले आधा दर्जन ट्रेनों का ठहराव था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद यह दोबारा शुरू नहीं हुआ. नतीजतन यात्रियों और रेल कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. वहीं, दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस तृणमूल कांग्रेस के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री सह महासचिव जहांगीर हक ने कहा कि हमने पूर्व डीआरएम अरुण जे राठौड़ एवं सीनियर डीसीएम से चक्रधरपुर रेल मंडल कार्यालय में मिलकर इस समस्या से अवगत कराया था. रेल महाप्रबंधक एके मिश्रा ने भी मांग पर कदम उठाने का भरोसा दिया था. लेकिन अबतक ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पाया है. जो हालात हैं, उसे देखकर लगता है कि आंदोलन ही एकमात्र तरीका है.राउरकेला जाकर ट्रेन पकड़ने में होती है परेशानी
बंडामुंडा निवासी धीरेन मल्लिक ने कहा कि बंडामुंडा को एशिया का दूसरा सबसे बड़ा यार्ड माना जाता है. यहां 4 से 5 हजार रेलकर्मी रहते हैं. इनमें से ज्यादातर को चक्रधरपुर रेल मंडल जाना पड़ता है. लेकिन इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से लोगों को ट्रेन पकड़ने राउरकेला जाना पड़ता है. जल्द बंडामुंडा रेलवे स्टेशन में ट्रेनों का ठहराव करने के बारे उचित कदम उठाया जाये. एक अन्य स्थानीय निवासी पवित्र तांती ने कहा कि बंडामुंडा में एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होना यहां के रेल कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के साथ नाइंसाफी है. यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए बहुत तकलीफ झेलनी पड़ती है. सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय ट्रेन पकड़ने और किसी को छोड़ने राउरकेला स्टेशन जाने में उठानी पड़ती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है