Rourkela News: बिसरा 23 व बिरमित्रपुर रेंज में पहुंचा है 12 हाथियों का झुंड, किसानों की नींद उड़ी
Rourkela News: सुंदरगढ़ के बिसरा व बिरमित्रपुर वन रेंज में करीब तीन दर्जन हाथियों का झुंड घूम रहा है. इससे किसानों की नींद उड़ी हुई है.
Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले के बिसरा वन रेंज और बिरमित्रपुर के किसानों की नींद हाथियों के झुंड ने उड़ा दी है. वर्तमान धान कटानी का समय है. वहीं सब्जियों की फसल भी तैयार है. स्थानीय किसानों ने अपने खेत में फूल गाेभी, पत्ता गोभी, टमाटर, मिर्च, लौकी आदि की खेती की है. सब्जियां बेचकर किसान दो पैसे कमाने की आस में बैठे हैं. लेकिन बिसरा रेंज में 23 तथा बिरमित्रपुर रेंज में 12 हाथियों का झुंड पहुंचने से उनकी नींद उड़ गयी है. जानकारी के अनुसार, बिरमित्रपुर रेंज में 12 हाथियों का झुंड कभी घराें को ताेड़ रहा है, तो कभी किसानों की जमीन में घुसकर फसल को बर्बाद कर रहा है. वन विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद हाथियाें का झुंड इलाका नहीं छोड़ रहा है. ऐसे में किसान घबराए हुए हैं, जबकि आम लोग दहशत में हैं. लेकिन डर के बाद भी किसान अपनी फसल बचाने के लिए रात में पहरेदारी करने को विवश हैं. इसी प्रकार बिसरा रेंज में 23 हाथियों का झुंड पहुंचा है. ये हाथी नुआगांव ब्लॉक के बागडेगा जंगल में रहते हैं. बाद में हाथियों का यह दल कभी बारिलेपटा, कभी रेलापोष, खैरटोला, तेतेरकेला आदि गांवों में उत्पात मचाता है. वन विभाग के मुताबिक, बिसरा में पहुंचे 23 हाथियों के झुंड में सात बच्चे भी हैं.
बिरमित्रपुर के अलग-अलग गांवों में फैले हैं हाथी
बीरमित्रपुर रेंज में 12 हाथी फिलहाल मौजूद हैं, जिनमें से एक दंतैल हाथी डुमागुड़ा जंगल में, एक बिरंगाहुडी जंगल में है. वहीं 10 हाथियों का झुंड बड़जोजोदा पंचायत की बंगला पहाड़ियों के पास है. हाथी किस समय किस गांव में प्रवेश करेंगे, यह कहना मुश्किल है. हालांकि, दोनों रेंजर हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं, लेकिन हाथी अभी भी झुंड में हैं. इसलिए विभिन्न पंचायतों के लोग स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं.भोजन की तलाश में गांवों का रुख कर रहे हाथी
वनों में भोजन की कमी के कारण हाथी गांवों का रुख कर रहे हैं. वर्तमान धान की फसल पक गयी है. वहीं सब्जियां भी तैयार हैं. ऐसे में हाथी के गांवों में आने से किसान चिंतित हैं. हाथियों के हमले में कई घरों को नुकसान पहुंचने की भी सूचना मिली है. वन विभाग की टीम अगर जल्द ही हाथियों को जंगल की ओर नहीं खदेड़ती है, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है