उच्च न्यायालय ने ओडिशा में जूनियर शिक्षक भर्ती के लिए ओएसइपीए मेरिट सूची को दी हरी झंडी

ओएसइपीए द्वारा मेरिट सूची तैयार करने में कथित विसंगतियों से संबंधित मामले की सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि अधिकारी तैयार मेरिट सूची के आधार पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आगे बढ़ सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 10:23 PM

कटक,

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जूनियर शिक्षकों की भर्ती के लिए ओडिशा स्कूल शिक्षा कार्यक्रम प्राधिकरण (ओएसइपीए) द्वारा तैयार की गयी मेरिट सूची को बरकरार रखा. ओएसइपीए द्वारा मेरिट सूची तैयार करने में कथित विसंगतियों से संबंधित मामले की सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि अधिकारी तैयार मेरिट सूची के आधार पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आगे बढ़ सकते हैं.एचसी की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार और ओएसइपीए अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत ताजा जानकारी की जांच के बाद एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा दिए गये पहले के आदेश को संशोधित किया.उच्च न्यायालय ने इस साल मार्च में ओएसइपीए को राज्य में प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा एक से पांच) और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा पांच से आठ) में 18,000 से अधिक जूनियर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक नयी मसौदा योग्यता सूची लाने का निर्देश दिया था. जूनियर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद, एचसी ने ओएसइपीए द्वारा तैयार की गयी मेरिट सूची को खारिज कर दिया था और अधिकारियों को भर्ती शर्तों और दिशा-निर्देशों के अनुसार एक नयी मेरिट सूची तैयार करने का निर्देश दिया था. ओएसइपीए ने कंप्यूटर आधारित परीक्षण आयोजित करने के बाद 20 और 21 जनवरी को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए 15 जनवरी को ड्राफ्ट मेरिट सूची प्रकाशित की थी. याचिकाओं के एक समूह ने इस आधार पर सूची को चुनौती दी कि स्कूल और जन शिक्षा विभाग के 22 अगस्त, 2023 के दिशा-निर्देशों में जूनियर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिलेवार ड्राफ्ट मेरिट सूची प्रदान की गयी थी, लेकिन ओएसइपीए ने इसका पालन किये बिना राज्य की अधिक मेरिट सूची प्रकाशित की थी.उन्होंने आरोप लगाया कि इससे कई अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं.एक अंतरिम आदेश में, न्यायमूर्ति बी पी सतपथी की एकल न्यायाधीश पीठ ने 19 जनवरी को दस्तावेजों के सत्यापन की अनुमति दी थी लेकिन ओएसइपीए को अंतिम चयन और नियुक्ति से रोक दिया था.

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