Bhubaneswar News: कलिंग युद्ध का इतिहास दुनिया को शांति का मार्ग दिखा सकता है : राष्ट्रपति
Bhubaneswar News: नयी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ओडिशा पर्व-2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया. दुनिया को शांति का संदेश दिया.
Bhubaneswar News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया के कुछ हिस्से संघर्ष का सामना कर रहे हैं, ऐसे में कलिंग युद्ध का इतिहास दुनिया को शांति का मार्ग दिखा सकता है. उन्होंने ओडिशा पर्व-2024 को संबोधित करते हुए कहा कि कलिंग युद्ध हमें सीख देता है कि शांति प्रगति के लिए जरूरी है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार मुर्मू ने कहा कि कलिंग युद्ध ने ‘चंडाशोक’ को ‘धर्माशोक’ में बदल दिया. यह युद्ध हमें सिखाता है कि प्रगति के लिए शांति जरूरी है. आज दुनिया के कुछ हिस्से संघर्षों का सामना कर रहे हैं. ओडिशा के इतिहास का कलिंग युद्ध अध्याय दुनिया को शांति का मार्ग दिखा सकता है. कलिंग युद्ध प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक और कलिंग साम्राज्य के शासक के बीच लड़ा गया था. इतिहासकारों के अनुसार, इस भीषण युद्ध में कम से कम एक लाख लोग मारे गये थे और 1.5 लाख लोग बंदी बना लिये गये थे. सम्राट अशोक इस युद्ध के भयानक रक्तपात से बहुत दुखी हुए और उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया. इतिहासकारों ने चंडाशोक को क्रूर अशोक कहा है, जबकि धर्माशोक को न्याय का अशोक भी कहा है. राष्ट्रपति ने ओडिशा पर्व के दौरान यहां लगे स्टाल का भ्रमण कर देखा और सराहना की. उनके साथ मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे.
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हो रहा है तीन दिवसीय पर्व
ओडिया समाज की ओर से आयोजित ओडिशा पर्व-2024 शुक्रवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुरू हुआ है, जो24 नवंबर तक चलेगा. इसके उद्घाटन सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. ओडिशा के कई प्रमुख इतिहासकार, बुद्धिजीवी, लेखक और कलाकार भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य ओडिशा की समृद्ध संस्कृति, विरासत और परंपराओं को बढ़ावा देना है. इसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ ओडिशा के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मूल्यों को प्रदर्शित किया जा रहा और ओडिया अस्मिता (ओडिया गौरव) को दर्शाया जायेगा. इसके अलावा, इस कार्यक्रम में ओडिशा के विभिन्न कोनों से हस्तशिल्प, नृत्य और संगीत में समृद्ध कला और संस्कृति का भी प्रदर्शन किया जा रहा है.
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