Rourkela News: बच्चों का करियर संवारने में आइइएमएस की भूमिका महत्वपूर्ण : अतनु भौमिक
Rourkela News: इस्पात इंग्लिश स्कूल के हीरक जयंती समारोह की शुरुआत शनिवार को हुई है. इसमें दुनियाभर से स्कूल के पूर्व छात्र हिस्सा ले रहे हैं.
Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के सेक्टर-20 स्थित इस्पात इंग्लिश मीडियम स्कूल के हीरक जयंती समारोह की शुरुआत शनिवार को स्कूल परिसर में भव्य तरीके से हुई. इस समारोह में दुनिया भर से कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्र भी शामिल हुए. मुख्य अतिथि आरएसपी के निदेशक प्रभारी अतनु भौमिक ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने पूर्व छात्रों, शिक्षकों, छात्रों और ऐतिहासिक शैक्षणिक संस्थान से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. अनगिनत व्यक्तियों के मन मस्तिष्क को गढ़ने और उनका करियर संवारने में आइइएमएस की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि समग्र विकास, बौद्धिक वृद्धि, रचनात्मकता और नैतिक दृढ़ता को बढ़ावा देने की इस संस्थान की अटूट प्रतिबद्धता ने राउरकेला के शैक्षिक माहौल की आधारशिला के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत किया है.
हीरक जयंती स्मारक का हुआ उद्घाटन
श्री भौमिक ने हीरक जयंती स्मारक का उद्घाटन किया और इस अवसर को चिह्नित करने के लिए प्रकाशित हीरक जयंती स्मारिका का विमोचन भी किया. उन्होंने समारोह के दौरान स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को भी सम्मानित किया. इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) तरुण मिश्रा, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) एके बेहुरिया, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अनिल कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस पाल चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा) डॉ जयंत कुमार आचार्य, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (नगर प्रशासन एवं सीएसआर) पीके स्वांई और आरएसपी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
जीवन में संस्थान के गहरे प्रभाव के बारे में पूर्व छात्र ने दी जानकारी
इससे पहले हीरक जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष और संस्थान के पूर्व छात्र चंद्रशेखर चंदन ने इस प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़े प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में संस्थान के गहरे प्रभाव के बारे में बात की. 1984 के पूर्व छात्र और डायमंड जुबिली आयोजन समिति के महासचिव, महाप्रबंधक (नगर-शिक्षा) असीम सबात ने स्कूल की शानदार रिपोर्ट प्रस्तुत की. स्कूल की प्रिंसिपल डॉ सुश्रीता दास ने स्वागत भाषण दिया, जबकि डॉ निष्ठा रुतम दाश और शुभ सिद्धार्थ सेनापति सौभाग्य ने कार्यक्रम का संचालन किया.
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