राउरकेला. जिला प्रशासन और जिला श्रम विभाग सुंदरगढ़ की ओर से शनिवार को राउरकेला महानगर निगम के सम्मेलन कक्ष में बाल श्रम निराकरण और जागरूकता बैठक आयोजित की गयी. इसमें बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को किसी भी कार्य में नियोजित करना दंडनीय अपराध है. 15 से 18 साल की उम्र के बीच किशोरों को खतरनाक काम यानी व्यवसायों और प्रक्रियाओं में शामिल होने से मना है, फिर भी कुछ लोग जानबूझकर ऐसे काम करते हैं. ऐसा काम करने वाले को 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है. न केवल जुर्माना, बल्कि किसी भी काम में बच्चे को और पेशेवर काम में किशोर को नियोजित करने पर 2 साल तक की कैद की सजा हो सकती है. वहीं जुर्माना व सजा दोनों हो सकती है. जबकि बाल श्रमिकों और किशोरों से दूसरी बार काम कराने पर तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यह एक दंडनीय अपराध है. यदि कोई व्यक्ति 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों या प्रक्रियाओं में नियोजित करता है, तो उन्हें अपने जिला श्रम अधिकारी या जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना चाहिए. नि:शुल्क हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क बैठक में बाल श्रम के खिलाफ किसी भी प्रकार की सूचना या शिकायत के लिए निःशुल्क श्रमिक हेल्पलाइन नंबर-1555368 और चाइल्ड लाइन नंबर-1098 पर संपर्क करने को कहा गया है. बैठक में श्रम विभाग के संयुक्त श्रम आयुक्त पीआर जेना, उप श्रम आयुक्त अनिता नायक, जिला श्रम अधिकारी(प्रवर्तन) दिव्यज्योति नायक, राउरकेला सह श्रम अधिकारी हेमंत प्रधान, बणई सह श्रम अधिकारी प्रशांत जेना, सुंदरगढ़ सह श्रम अधिकारी गौरहरि तांती और सभी कर्मचारी उपस्थित थे.वहीं होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव, राउरकेला चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष और महासचिव, डीसीपीओ बाल विवाह अनुभाग, सीडीपीओ, पुलिस कर्मी, सीडब्ल्यूसी सदस्य और विभिन्न गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे.
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