बेमौसम बरसात में स्मार्ट सिटी राउरकेला में घुटनों तक भर जाता है पानी
प्रशासनिक दिशा-निर्देश की अवहेलना कर हो रहा है निर्माण कार्य, निगम आयुक्त ने सभी विभागों के साथ बैठक कर भवन निर्माण को अनुमति देने के बिंदुओं पर की विस्तृत चर्चा
राउरकेला,
स्मार्ट सिटी राउरकेला में भवन निर्माण को लेकर ढेरों सरकारी और प्रशासनिक दिशानिर्देश हैं जिनकी धज्जी उड़ाकर शहर में निर्माण कार्य किया जा रहा है. नतीजतन शहर के बीचों बीच कई इलाके हैं जहां पानी की निकासी से लेकर फायर सेफ्टी तक की समस्या खड़ी हो चुकी है. हालात ऐसे हैं कि बेमौसम बरसात में भी पूरे इलाके में घुटनों भर पानी रहता है. नारकीय जीवन जीने को लोग विवश हो रहे हैं. इसके बावजूद सांठ-गांठ और नियम तोड़कर इस तरह के निर्माण का सिलसिला जारी है. इस पर लगाम कसने की कोशिशें अबतक तो नाकाम रही है लेकिन राउरकेला महानगर निगम के आयुक्त आशुतोष कुलकर्णी ने पिछले दिनों निर्माण के कार्यों में सभी नियमों का पालन करने को लेकर एक बड़ी बैठक की है. जिसके बाद उम्मीद जग रही है कि इसमें लगाम लगेगी और स्मार्ट सिटी वाकई में स्मार्ट बनेगी.सभी विभागों के साथ आयुक्त ने की है बैठक
निगम के आयुक्त आशुतोष कुलकर्णी की अध्यक्षता में यह बैठक तीन दिन पहले आयोजित की गयी थी. विकास योजना और भवन निर्माण अनुमति समिति की इस बैठक में भवन निर्माण को अनुमति देने के बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी थी. जिसमें वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी , फायर ब्रिगेड के अधिकारी, एनएएचएआइ के अधिकारी मौजूद थे. सभी ने अपनी-अपनी ओर से जरूरी बिंदुओं की ओर ध्यानाकर्षण कराया. हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा के बाद तय हुआ कि हर हाल में सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाये. बगैर जरुरी क्लीयरेंस के भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाए.
सबसे ज्यादा प्रभावित है डेली मार्केट इलाका
भवन निर्माण में किस तरह की लापरवाही बरती गयी है कि इसका ज्वलंत उदाहरण डेली मार्केट इलाका है. जहां ऐसी कई गलियां हैं जहां अगर कोई आग लगने का हादसा हो जाये तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी तक नहीं घुस सकती. इतना ही नहीं मरीजों को लाने के लिए एंबुलेंस तक भी घुसना मुश्किल है. इसके बावजूद इन सभी इलाकों में आज भी धड़ल्ले से निर्माण का कार्य चल रहा है. माडु़ महाराज गली में तो बहुमंजिला अपार्टमेंट बनाकर लोगों को बेचे जा रहे हैं. जबकि यहां पर कायदे से कोई कार तक अंदर नहीं घुस सकती. लेकिन इनकी ना तो जांच हो रही है और ना ही किसी तरह की कार्रवाई.दस फीट की सड़क से निजी वाहन तक जाना मुश्किल
माड़ु महाराज गली में जो अपार्टमेंट बन रहा है उसके चौथी मंजिल का काम जारी है. इस बिल्डिंग में कई लोगों को मकान बेचे गए हैं. दस फीट की सड़क से निजी चार पहिया वाहनों का घुसना मुश्किल है ऐसे में कोई हादसा होने पर एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड के घुसने का तो सवाल ही नहीं उठता. लेकिन इसके बावजूद निर्माण चल रहा है और किसी की भी नजर इस समस्या पर नहीं है. इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी की है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. शहर के बाकी इलाकों में भी इस तरह की स्थिति देखी जा रही है जिस पर तत्काल लगाम नहीं कसने की स्थिति में भविष्य में कई परेशानियों से शहर को रूबरू होना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है