आरएमएचपी में नयी फुलवारी का उद्घाटन, शहरवासियों को लुभायेगी ‘विहंगम उद्यान’ की खूबसूरती

राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के रॉ मैटेरियल हैंडलिंग प्लांट (आरएमएचपी) में पक्षियों के साथ एक नयी और आकर्षक फुलवारी ‘विहंगम उद्यान’ का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) एसआर सूर्यवंशी द्वारा किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 11:44 PM

राउरकेला. राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के रॉ मैटेरियल हैंडलिंग प्लांट (आरएमएचपी) में पक्षियों के साथ एक नयी और आकर्षक फुलवारी ‘विहंगम उद्यान’ का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) एसआर सूर्यवंशी द्वारा किया गया. सूर्यवंशी ने इस अवसर पर उद्यान के केंद्र में स्थापित ग्लोब के आकार के विशाल स्टील के घोंसले में ‘जावा फिंच’ नामक पक्षियों को छोड़ा. उन्होंने उद्यान में एक पौधा भी लगाया. इस अवसर पर प्लांट के कई मुख्य महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

कार्यपालक निदेशक ने कर्मीसमूह के प्रयासों को सराहा

कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री सूर्यवंशी ने उद्यान विकसित करने और विभाग के आसपास हरित क्षेत्रों का विस्तार करने के कर्मीसमूह के निरंतर प्रयासों के लिए आरएमएचपी टीम की सराहना की. उन्होंने क्षेत्र के परिवर्तन पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ, हरा-भरा और सुखद वातावरण न केवल कार्यस्थल को बेहतर बनाता है बल्कि उत्पादकता को भी बढ़ाता है. आरएमएचपी टीम ने मुख्य सड़क के किनारे और आरएमएचपी मुख्य नियंत्रण कक्ष भवन के पास कन्वेयर बीसी 218 के नीचे पहले से उगे घास-फूस और अव्यवस्थित भूमि के हिस्से को इस खूबसूरत बगीचे में बदल दिया है. यह क्षेत्र, जो कभी जंगली पौधों, जमा हुए रिसाव और स्क्रैप से भरा था और मच्छरों, सांपों और सरीसृपों का अड्डा हुआ करता था, उसे पूरी तरह से साफ और पुनर्जीवित किया गया है. विशेषत: टीम ने उद्यान को विकसित करने के लिए आंतरिक संसाधनों और पुनर्प्रयुक्त अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग कर इस प्रयास को सार्थक बनाया है. बगीचे में पग-पथ के निर्माण में पुराने रिफ्रैक्टरी स्टोर से पुरानी, अस्वीकृत रिफ्रैक्टरी ईंटों और एम्एसडीएस-III की पुरानी टाइलों का उपयोग किया गया है. बगीचे के बीचो-बीच ब्लास्ट फर्नेस आइएनबीए से प्राप्त पुराने मुड़े तार से निर्मित एक बड़ा, ग्लोब के आकार का पक्षी आशियाना है. स्टील ग्लोब उद्यान, क्रोटन, कैसुरिना पौधों, ताड़ के पेड़ों, नारियल के पेड़ों, लिली और अन्य मौसमी फूलों से सजा हुआ है. यह स्मारक आरएमएचपी कर्मचारियों द्वारा स्क्रैप और अप्रयुक्त स्टील से तैयार किए गए तितलियों और पक्षियों से भी सुशोभित है.

आरएमएचपी के कर्मचारियों की टीम ने किया क्रियान्वित

इस उद्यान की संकल्पना सहायक महाप्रबंधक (ऑपरेशन) एनसी पात्र और सहायक महाप्रबंधक (मैकेनिकल) एस भंजदेव द्वारा की गयी थी. इस परियोजना को आरएमएचपी कर्मचारियों की एक टीम द्वारा क्रियान्वित किया गया, जिसमें एमआर पंडा, पीसी पात्र, केसी बराल, डी बिरगंथिया, पी सिंह, आरके बारिक, बी ओराम, एमआर सामंत, एसके तांती, सी रोहिदास, एसके गोखरा, ए पूर्ति, बीएस पात्र और बीडी बेहेरा शामिल थे. उन्हें वरिष्ठ प्रबंधक आरएमएचपी (विद्युत) बीके बेहेरा और वरिष्ठ प्रबंधक सिविल इंजीनियरिंग (सेवाएं) अनम बेहेरा से आवश्यक सहायता मिली. बागवानी इकाई ने उप महाप्रबंधक (बागवानी) डॉ अविजित बिस्वास के नेतृत्व में मलमली हरित घास क्षेत्रों को विकसित करने में मदद की .

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