Rourkela News: पानपोष यूसीएचएस में नहीं चालू हो सका इंडोर विभाग, स्वास्थ्य सेवा बाधित

Rourkela News: पानपोष से पोस्टमार्टम हाउस स्थानांतरित नहीं होने के कारण यूसीएचसी में स्वास्थ्य सेवा बाधित होने के आरोप लग रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2024 11:44 PM

Rourkela News: पानपोष स्थित अनुमंडलीय अस्पताल शहर का सबसे पुराना सरकारी चिकित्सालय है. 2014 में इसे अर्बन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (यूसीएचएस) में बदल दिया गया था. लेकिन नाम बदलने के बाद भी चिकित्सा सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ. इस अस्पताल पर 2,50,000 से अधिक लोग निर्भर हैं और यह अस्पताल इन मरीजों को उपयुक्त स्वास्थ्य सेवा नहीं प्रदान कर पा रहा है. जिससे लगभग 60 फीसदी मरीज बिना इलाज के लौट रहे हैं. जिले के अन्य अनुमंडलीय अस्पतालों में एक के बाद एक विकास कार्य चल रहे हैं. वहां पर आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध हैं. लेकिन पानपोष यूसीएचएस की स्थिति जस की तस है. स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों पर इस अस्पताल के विकास की लगातार अनदेखी करने के आरोप लग रहे हैं. वहीं इस अस्पताल में समस्याओं के लिए पानपोष स्थित पोस्टमार्टम हाउस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. यहां हर महीने 100 से 150 शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. लेकिन इसके लिए डॉक्टर और जरूरी स्टाफ की कमी के कारण यूसीएचएस के डॉक्टर और स्टाफ काम कर रहे हैं. जिससे इसे राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में स्थानांतरित करने की पहले भी कई बार मांगें उठ चुकी हैं. लेकिन स्थानांतरण नहीं होने से पानपोष अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ रहा है, जिससे यहां का इंडोर विभाग चालू नहीं हो पा रहा है. इसके प्रति जिला स्वास्थ्य विभाग से ध्यान देने की मांग हो रही है.

30 बेड का इंडोर विभाग अभी तक नहीं हाे पाया है चालू

इस अस्पताल में हाल ही में 30 बेड की क्षमता वाला इंडोर विभाग खोला गया है. इसमें कुछ कर्मचारियों और नर्सों को काम पर रखा गया है. लेकिन यह विभाग आज तक शुरू नहीं किया गया है. अस्पताल के अधिकारी और कार्यरत डॉक्टर भारी कार्यभार का हवाला देकर इंडोर विभाग खोलने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं. राउरकेला महानगर निगम ( आरएमसी ) आयुक्त और अतिरिक्त जिलापाल आशुतोष कुलकर्णी ने एक स्वास्थ्य समीक्षा बैठक में यूसीएचएस अधिकारियों से इंडोर विभाग को चालू करने का आग्रह किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. नतीजतन प्रतिदिन 5 से 10 मरीज अस्पताल में भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. लेकिन आउटडोर विभाग में इलाज कराकर वापस जाने को विवश हैं. सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को हो रही है. आउटडोर विभाग में प्रतिदिन 250 से 300 मरीजों का इलाज किया जाता है. हर माह औसतन 5/6 हजार मरीजों का इलाज हो रहा है.

दंत चिकित्सक को छोड़कर अन्य किसी विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं

इस अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर के नाम पर एक दंत चिकित्सक हैं. अन्य किसी विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग ने भी मरीजों की भर्ती के लिए कोई तत्परता नहीं दिखायी है. वर्तमान यहां एक अधीक्षक, 3 एमबीबीएस डॉक्टर, 3 फार्मासिस्ट, 3 प्रयोगशाला तकनीशियन और नौ नर्स कार्यरत हैं.

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