भुवनेश्वर की तीन सदस्यीय समिति आरजीएच में फ्रीजर चोरी व लॉन्ड्री में धांधली की कर रही जांच

भुवनेश्वर से राउरकेला पहुंची तीन सदस्यीय समिति राउरकेला सरकारी अस्पताल से फ्रीजर चोरी और लॉन्ड्री में भ्रष्टाचार की जांच कर रही है. समिति ने गुरुवार को अस्पताल के अधिकारियों के साथ बैठक की.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 11:47 PM

राउरकेला. पिछले कुछ दिनों से भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहे राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीए) में भुवनेश्वर से जांच करने पहुंची तीन सदस्यीय समिति सभी मामलों से परतें खोल रही है. लगातार बैठकों का दौर जारी है और अधिकारियों से एक-एक मामले में विस्तृत जानकारी ली जा रही है. समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल आरजीएच के मोर्ग हाउस से फ्रीजर की चोरी और लॉन्ड्री में हुई धांधली सुर्खियां बटोर रही हैं. फ्रीजर चोरी के मामले में जहां अस्पताल के मैनेजर ही जांच के दायरे में आ गये हैं, वहीं लॉन्ड्री में धांधली में भी अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत मिल रहे हैं.

राजनीतिक दलों ने उठाये थे सवाल

आरजीएच में भ्रष्टाचार के आरोप अलग-अलग राजनीतिक दलों ने लगाये थे. जिसमें भाजपा, कांग्रेस शामिल थी. फिलहाल बीजद में शामिल हो चुके बीरेन सेनापति भी आरजीएच में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए हमेशा इसे लेकर मुखर रहे हैं. उन्होंने कई बार यहां हो रही धांधली की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है.

डीएमएफ से उपकरणों की खरीद, चिकित्सकों की हुई नियुक्ति

आरजीएच में जिला खनिज संस्थान निधि (डीएणएफ) कोष से कई कार्य किये गये हैं. जिसमें उपकरणों की खरीद से लेकर कांट्रैक्ट पर चिकित्सकों की नियुक्ति शामिल हैं. केंद्र व राज्य सरकार से स्वास्थ्य योजनाओं के लिए मिलने वाली रकम के अलावा डीएमएफ से यहां राशि खर्च की गयी है. इसे लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं.

शव को कुत्ता के नोचने से लेकर फर्जी नर्स और चिकित्सक मिलने की घटना से किया शर्मशार

राउरकेला सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था के आलम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पर फर्जी नर्स और फर्जी चिकित्सक तक पकड़े जा चुके हैं. किन परिस्थितियों में और किन प्रक्रियाओं के तहत यह लोग मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे और कैसे प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी, यह सवालों के घेरे में हैं. अब जब भुवनेश्वर से जांच समिति पहुंची है, तो उम्मीद की जा रही है कि सभी मामलों का एक तरह से पोस्टमार्टम होगा और सही तथ्य सामने आयेंगे.

यह अधिकारी कर रहे हैं जांच

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एलोरा भारती जेना के निर्देश में तीन सदस्यीय टीम आरजीएच में भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची हैं. जिसमें वरिष्ठ सलाहकार (पीएंडआइएम) प्रियदर्शी दास, एनएचएम राज्य वित्त महासचिव मलय कुमार पाणिग्राही और एनएचएम सलाहकार (एचआर) अजीत कुमार बिश्वाल शामिल हैं. यह टीम लगातार जांच में जुटी है. खासकर अलग-अलग एजेंसियों द्वारा दिये गये बिल की जांच चल रही है. जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार आरजीएच में मरीजों के बिस्तरों की सफाई करने वाली एजेंसी ने अस्पताल प्रबंधक के पास जो बिल जमा कराये हैं, उसमें गड़बड़ी है. तीन साल में बेडशीट साफ करने वाली कंपनी, हॉस्पिटल मैनेजर और उसकी दुकान की टीम पर करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये के गबन के आरोप लगे हैं. बिस्तरों की संख्या के साथ वजन बढ़ाकर प्रति माह करीब पांच लाख रुपये अधिक का बिल पेश करने की बात सूत्रों से सामने आ रही हैं.

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