Rourkela News : आदर्श शिशु मंदिर के मुख्य प्रबंधक और कर्मचारी गिरफ्तार

संबलपुर के पुटीबांध स्थित मानसिक पुनर्वास केंद्र ‘समर्थ’ में अंतेवासियों को यातना देने के मामले में धनुपाली थाना पुलिस ने आदर्श शिशु मंदिर के मुख्य प्रबंधक हरीश दास और कर्मचारी स्वागतिका प्रधान को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 29, 2025 11:58 PM

-मानसिक बीमार को प्रताड़ित करने का है मामला

Rourkela News:

संबलपुर के पुटीबांध स्थित मानसिक पुनर्वास केंद्र ‘समर्थ’ में अंतेवासियों को यातना देने के मामले में धनुपाली थाना पुलिस ने आदर्श शिशु मंदिर के मुख्य प्रबंधक हरीश दास और कर्मचारी स्वागतिका प्रधान को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है. धनुपाली थाना प्रभारी सुब्रत पाणीग्राही ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 307, 354 और 323 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने दोपहर करीब डेढ़ बजे स्वागतिका को उसके घर से गिरफ्तार किया. आइजी हिमांशु लाल ने भी ‘समर्थ’ केंद्र का दौरा किया और अंतेवासियों व स्थानीय लोगों से घटना की विस्तृत जानकारी जुटाई. पुलिस ने बताया कि वे इस संगठन की सभी गतिविधियों का ऑडिट करेंगे और सभी आपराधिक गतिविधियों की जांच करेंगे. मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र ‘समर्थ’ में रहने वालों को प्रताड़ित किए जाने की घटना से स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गयी थी. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि इस संस्था में एक वर्ष में हुई छह लोगों की रहस्यमय मौत, इसके वित्तीय लेन-देन और मुख्य प्रबंधक द्वारा महिला अंतेवासियों के साथ किये गये व्यवहार की जांच के आदेश दिये गये हैं. साथ ही आदर्श शिशु मंदिर को काली सूची में डालने और उसका पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जिलाधिकारी ने मीडिया को बताया कि इस संस्था में वर्तमान में 30 अंतेवासी हैं. उनका पुनर्वास प्रशासन के लिए मुख्य चुनौती है. फिलहाल समर्थ संस्था में ही सभी रह रहे हैं. इसका प्रबंधन एक स्थानीय सामाजिक संगठन द्वारा किया जा रहा है. सभी अंतेवासियों को एक सप्ताह के भीतर वैकल्पिक स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जायेगा. उपजिलापाल पुष्पांजलि पंडा के नेतृत्व में एक टीम संस्थान में यौन उत्पीड़न की घटना की भी जांच करेगी. यह भी बताया गया है कि अंतेवासियों की उचित पुनर्वास प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक टीम संबलपुर आ रही है. प्रशासन ने इस संगठन के वित्तीय लेन-देन पर विशेष जांच की जा रही है. सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पहले भी पारदर्शिता संबंधी मुद्दों के कारण इसके वित्तपोषण में कटौती की थी. इस बात की अलग से जांच की जायेगी कि इस संगठन ने 2021 से प्राप्त अनुदानों को किस प्रकार खर्च किया है.

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