Rourkela News: केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से 18 सूत्री मांगों के समर्थन में 28 अक्तूबर सोमवार को 24 घंटों की हड़ताल का आह्वान किया गया है. 28 अक्तूबर की सुबह छह बजे से 29 अक्तूबर की सुबह छह बजे तक यह हड़ताल प्रभावी रहेगी. इस अवधि के दौरान राउरकेला स्टील प्लांट तथा सेल संचालित खदानों में काम-काज पूरी तरह से ठप कराने को लेकर केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने तैयारी शुरू कर दी है. वहीं इस हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान इस्पात श्रमिकों से किया गया है. सेक्टर-18 स्थित राउरकेला श्रमिक संघ कार्यालय में रविवार सुबह हुई प्रेसवार्ता में इस बारे में जानकारी दी गयी. बताया गया गया कि 18 सूत्री मांगों के समर्थन में यह हड़ताल आहूत की गयी है.
39 महीनों के एरियर व 40,500 से अधिक बोनस देने की मांग
बताया गया कि 39 महीनों का बकाया एरियर प्रदान करने, 40,500 रुपये से अधिक का बोनस देने, ग्रेच्युटी पर सीलिंग हटाने, ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता एनजेसीएस के माध्यम से करना आदि 18 सूत्री मांगों में शामिल है. इस अवसर पर हड़ताल की जरूरत पर जानकारी दी गयी. बताया गया कि इस्पात श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए तथा सेल प्रबंधन की एकछत्रवाद नीति के खिलाफ यह हड़ताल की जा रही है. इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए पत्रक का वितरण करने से लेकर माइक से प्रचार किया जा रहा है. इस प्रेसवार्ता में आरएसएस के महासचिव प्रशांत बेहेरा, बीएमएस संबद्ध रिक्स के सुरेंद्र कंसारी, योगेंद्र महांत, सीटू के विष्णु मोहंती, विमान माइती, बसंत नायक, जीएमएम के गोपाल दास, संजय पंडा, आनंद टाेप्पो, आरएमएस के शशधर नायक, सत्यानंद बेहेरा, आरडब्ल्यूयू के अजित नायक, एटक के रमेश सेठी, सियर के हेमंत बेहुरा, इस्पात लेबर यूनियन के संतोष नायक समेत अन्य यूनियनों के पदाधिकारी शामिल थे.
सेल के खिलाफ हड़ताल में बीएमएस शामिल, जुएल, दिलीप व दुर्गा तांती धर्मसंकट में
सेल के खिलाफ 28 अक्तूबर को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की संयुक्त हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भी शामिल हैं. बीएमएस के इस हड़ताल में शामिल होने से केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय व रघुनाथपाली विधायक दुर्गाचरण तांती के समक्ष धर्मसंकट की स्थिति उत्पन्न हाे गयी है. इसका कारण है कि आरएसपी के मान्यता यूनियन चुनाव में तीनों नेताओं ने बीएमएस संबद्ध राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ (रिक्स) का समर्थन किया है. जिसमें उन्होंने इस्पात श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए रिक्स को जिताने का आह्वान किया है. वहीं इस्पात श्रमिकों को ही न्याय दिलाने के नाम पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 28 अक्तूबर को सेल के प्लांट व खदानों में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. लेकिन सेल केंद्र सरकार के दायरे में आने के कारण जुएल ओराम, दिलीप राय व दुर्गाचरण तांती के समक्ष असमंजस की स्थिति देखी जा रही है.
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