Rourkela News: झारखंड से राउरकेला होकर गुजरने वाली कोयल नदी पर करीब 10 किलोमीटर के दायरे के अंदर तीन पुल का निर्माण किया जा रहा है. इन तीनों पुलों का निर्माण पूरा होने से कुआरमुंडा और नुआगांव ब्लॉक के निवासियों की किस्मत बदलने की उम्मीद जतायी जा रही है. इससे किसानों समेत आम जनता को तो लाभ मिलेगा ही, अध्ययन के लिए नदी के उस पार से राउरकेला तक आनेवाले विद्यार्थियों को नौका से खतरनाक स्थिति में यात्रा से भी राहत मिल सकेगी. यदि सभी कुछ ठीक रहा, तो नववर्ष-2025 में ही इन तीनों पुलों की सौगात यहां के लोगों को मिल सकती है.
देव नदी पर सात करोड़ से बन रहा पुल एक माह में होगा पूरा
कोयल नदी की शाखा देव नदी पर करीब सात करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. यह प्रोजेक्ट लगभग एक महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है. इस पुल के पूरा होने से कुआरमुंडा और नुआगांव ब्लॉक के लोगों को काफी फायदा होगा. यहां के किसान अपने विभिन्न उत्पाद, विशेषकर सब्जियां बेचने के लिए राउरकेला के बाजार पर निर्भर हैं. लेकिन पुल नहीं होने से समय ज्यादा लगता है व रुपये भी अधिक खर्च होते हैं. जिससे बहुत से किसान खर्च बचाने के लिए राउरकेला आये बिना अपने खून-पसीने से सींचकर पैदा की गयी सब्जियों दलालों व बिचौलियों को बहुत ही कम कीमत पर बेचने के लिए विवश हैं.
कम समय व मामूली खर्च में राउरकेला पहुंच सकेंगे किसान
कोयल नदी में झीरपानी के मिटकुंदरी में 2015 में बीजू सेतु बनने के बाद इसका इस्तेमाल भी होने लगा है. इसके बाद भी नुआगांव से बाइक, पिकअप वैन आदि पर सब्जियां राउरकेला आ रही हैं. लेकिन 50 किलोमीटर तक का सफर तय करने पर किसान का समय और पैसा बर्बाद होता है. यहां तक कि जो लोग साइकिल से आते हैं, वे भी समय और मेहनत बर्बाद करते हैं. अभी भी कई छात्र, दिहाड़ी मजदूर बीजू सेतु पर पर निर्भर हैं. लेकिन देव नदी पर ब्रिज बनने के बाद उन्हें कम खर्च करना पड़ेगा. वे कम समय में आ-जा सकते हैं. माल यातायात भी सुचारू हाे सकेगा.पुल और बराज बनने से किसान व मछुआरे होंगे लाभान्वित
इसी प्रकार सेक्टर-19 के हमीरपुर घाट के पास कोयल नदी पर 313.40 करोड़ की लागत से पुल और बराज का काम 2022 से चल रहा है. इसके पूरा होने पर नदी में पानी संग्रह किया जा सकेगा. जिससे किसान लाभान्वित होंगे. वहीं मछुआराें को मछली बेचकर भी कमाई होगी. कुआरमुंडा की तीन पंचायत के करीब 20 गांव के लोग आसानी से राउरकेला आ-जा सकेंगे. इस पुल पर हल्के वाहन भी चल सकेंगे. जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह परियोजना अगले साल मार्च तक पूरी हो जायेगी. इसके अलावा जिला खनिज निधि (डीएमएफ) द्वारा 28 करोड़ रुपये की लागत से पानपोष- प्रधानपल्ली में एक और पुल पिछले तीन वर्षों से निर्माणाधीन है. यह पुल राउरकेला-कुआरमुंडा के बीच की दूरी को कम कर देगा, जिससे यातायात का समय बचेगा. सब्जियों और कृषि से समृद्ध दो ब्लॉक क्षेत्रों की किस्मत बदलने यह राउरकेला के लोगों के लिए भी यातायात सुगम हो सकेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है