Loading election data...

Rourkela News: कुड़मी समाज ने धूमधाम से मनाया धिंगुआन महोत्सव, प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कृत

Rourkela News: लहुणीपाड़ा ब्लॉक के थेंटेईपोष गांव की समिति की ओर से धिंगुआन महोत्सव धूमधाम से मनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 5, 2024 11:21 PM

Rourkela News: लहुणीपाड़ा ब्लॉक की कलेईपोष पंचायत अंतर्गत थेंटेईपोष गांव की धिंगुआन महोत्सव समिति की ओर से धिंगुआन महोत्सव मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर झूमर नृत्य, गीत और वाद्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता से पहले समिति की ओर से एक बैठक आयोजित की गयी. थेंटेईपोष गांव के धिंगुआन महोत्सव समिति के सदस्य और गांव के गौंतिया लोकनाथ महांत के दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद अतिथियों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया और आधिकारिक तौर पर धिंगुआन, झूमर नृत्य, गीत और संगीत प्रतियोगिता की शुरुआत की. केशव चंद्र महंत की अध्यक्षता में राउरकेला आइजीएच अस्पताल के पूर्व निदेशक डॉ किशोर चंद्र महांत मुख्य अतिथि, सचिव जसकेतन महांत सम्मानित अतिथि, नागरा पीढ़ी कुड़मी समाज के अध्यक्ष ध्रुवचरण महांत ने बतौर मुख्य वक्ता अपनी परंपराओं को अक्षुण्ण रखने का आह्वान किया. अंत में सक्रिय सदस्य नवीन चंद्र महंत ने सभी को धन्यवाद देने के साथ सभा का समापन हुआ.

नंदापाड़ा, थेंटेईपोश, घनिघासा की टीमें बनीं विजेता

इसके बाद धिंगुआन व झूमर नृत्य, गीत और संगीत प्रतियोगिता हुई. प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली नंदापाड़ा, थेंटेईपोश, घनिघासा टीमों को समिति की ओर से क्रमश: चार, तीन व दो हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम को गांव के दशरथी महांत, शंभू महांत, लोकनाथ महांत, शिव महांत, राम महांत, कौशिक महांत, अविनाश महांत, जगन्नाथ महांत, उमेश महांत एवं गांव के अन्य सक्रिय सदस्यों के सहयोग से संपादित किया गया. इसमें जज के तौर पर हेमेंद्र महांत, रवींद्रनाथ महांत और हलधर महांत उपस्थित थे.

कुड़मी समाज बंदान महोत्सव के रूप में मनाता है दीपावली का त्योहार

कुडुमी समाज हर साल दीपावली त्योहार को बंदना महोत्सव के रूप में मनाता है. चार दिवसीय इस त्योहार में तेल का दीया, गठान पूजा, कांचीदेवरी, जागर जाला, धिंगुआन, गुहाल जगा, गोवर्धन पूजा, बुढ़ि बंदना जैसे त्योहार मनाये जाते हैं. इसका मुख्य आकर्षण धिंगुआन त्योहार है. इसमें समुदाय के लोग घर-घर जाते हैं, गाते हैं और नृत्य करते हैं. पूरी रात जागते हैं. इस धिंगुआन गीत और नृत्य को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए समिति ने धिंगुआन उत्सव के माध्यम से क्षेत्र के सभी गांवों के धिंगुआन समूहों को एक साथ लाने तथा लोक गीत और नृत्य को पुनर्जीवित करने के प्रयास शुरू किये और इस वर्ष समिति ने इसका जश्न मनाया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version