पुरी. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा की पुरी में प्रसिद्ध रथ यात्रा देखने के लिए रविवार को लाखों श्रद्धालु श्रीक्षेत्र में उमड़ पड़े. पुरी के राजा दिव्य सिंह देव द्वारा ‘छेरा पहंरा’ (रथ की सफाई) अनुष्ठान पूरा करने के बाद शाम करीब 5.20 बजे रथ खींचने का काम शुरू हुआ. भगवान बलभद्र के रथ दर्पदलन को सबसे पहले मौसीबाड़ी के लिए भक्तों ने खींचा, उसके बाद बाद देवी सुभद्रा के रथ तालध्वज को खींचा गया. अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोषण गुंडिचा मंदिर की ओर निकला. 53 सालों के बाद नवयौवन दर्शन व रथयात्रा एक ही दिन हो रही है. इस कारण इस साल रथों को दो दिन तक खींचा जाना है. अब सोमवार को फिर से यह तीनों रथ गुंडिचा मंदिर की ओर खींचे जायेंगे.
पहंडी कर देवताओं को रथ पर कराया गया आरूढ़
रविवार सुबह से ही कई विशेष अनुष्ठान जैसे मंगल आरती, मइलम, तड़प लगी, रोष होम, अवकाश, सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, गोपाल वल्लभ, सकल धूप (खेचुड़ी भोग), रथ प्रतिष्ठा आदि किये गये. उसके बाद चतुर्धा मूर्ति यानी सुदर्शन, देवी सुभद्रा, बलभद्र व महाप्रभु जगन्नाथ को पहंडी नीति के जरिये एक के बाद एक पवित्र रथों पर सवार कराया गया. भगवान सुदर्शन, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान श्री जगन्नाथ क्रमशः पहांडी में आये और अपने रथों पर सवार हुए. औपचारिक पहंडी अनुष्ठान पूरा होने के बाद, शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने तीन रथों भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष, भगवान बलभद्र के तालध्वज और देवी सुभद्रा के देवदलन में पहुंच कर देवताओं के दर्शन किये.
पुरी के राजा गजपति दिव्यसिंह देव ने सोने के झाड़ू से किया छेरा पहंरा
पुरी के राजा गजपति दिव्यसिंह देव ने छेरा पहंरा नीति संपादित की. उन्होंने इस नीति के तहत भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों- बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को सोने की झाड़ू से साफ किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहन माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य गणमान्य लोगों ने श्रीजगन्नाथ की रथ यात्रा में पहुंचे. पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक भी उनके साथ शामिल हुए. धर्मेंद्र ने उन्हें कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद मंच तक पहुंचाया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने रथ में आरुढ़ भगवान जगन्नाथ का दर्शन किया.
ओडिशी नृत्य, घंटियों की ध्वनि व हरि बोल के नारों से भक्तिमय हुआ माहौल
रथयात्रा के दौरान भक्तों और कलाकारों ने ओडिशी समेत कई अन्य नृत्य प्रस्तुत किये. इससे माहौल आध्यात्मिक हो गया. घंटियां बज रही थीं और जय जगन्नाथ और हरि बोला के नारे चारों ओर गूंज रहे थे. रथ यात्रा शुरू होने से पहले विभिन्न कलाकारों के समूहों ने कीर्तन (धार्मिक गीत) प्रस्तुत करते दिखे. ओडिशा सरकार ने भगवान के वार्षिक प्रवास को सुचारु और समय पर आयोजित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी. सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और 180 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 जवान) सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि महोत्सव स्थल बड़ादंडा और तीर्थ नगरी के अन्य रणनीतिक स्थानों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. उन्होंने बताया कि मौसम गर्म और उमस भरा रहने की आशंका को देखते हुए श्रद्धालुओं की भीड़ पर पानी छिड़का गया.
श्वास लेने में तकलीफ के कारण एक श्रद्धालु की मौत
पुरी रथ यात्रा के दौरान रथ खींचे जाने के दौरान भीड़ के कारण कुछ लोगों को श्वास लेने में तकलीफ हुई. वहां उपस्थित इन लोगों को तुरंत पुरी जिला चिकित्सालय ले जाया गया. पुरी जिला चिकित्सालयों में डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषणा कर दिया है. मृतक की पहचान नहीं मिल पायी है.
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