Rourkela News: भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा रघुनाथपाली विधायक दुर्गाचरण तांती ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाकर ईस्ट कोस्ट रेलवे में शामिल करने की आवश्यकता व बुनियादी संरचना से अवगत कराया है. इसमें कहा गया है कि यह पहल ओडिशा के पश्चिमी भाग में संसाधन संपन्न क्योंझर जिले (130 किमी दूर) और झारसुगुड़ा जिले (120 किमी दूर) के व्यापक हित के लिए आवश्यक है, जो संबलपुर राजस्व प्रभाग के अंतर्गत आता है. यह क्षेत्र कई उत्पादक खदानों द्वारा समर्थित विशाल औद्योगिक और वाणिज्यिक निवेशों से समृद्ध है. उन्होंने उल्लेख किया है कि राउरकेला में रेलवे डिवीजन की स्थापना से कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी तथा माल और संसाधनों की आवाजाही में सुविधा होगी, जिससे पश्चिमी ओडिशा के आर्थिक विकास को गति मिलेगी. प्रस्तावित रेलवे डिवीजन क्षेत्रीय विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा और बुनियादी ढांचे में सुधार करेगा.
क्यों बनाया जाना चाहिए राउरकेला को अलग रेल डिवीजन
विधायक के मुताबिक, वर्तमान में राउरकेला चक्रधरपुर रेल डिवीजन के अंतर्गत आता है और सीकेपी रेलवे डिवीजन के लिए 40 फीसदी से अधिक राजस्व का योगदान देता है. सुंदरगढ़/ओडिशा में बुनियादी ढांचे/नयी सुविधाएं पूर्वी तटीय रेलवे क्षेत्र (भारत में राउरकेला से अधिकतम राजस्व संग्रह) के अंतर्गत राउरकेला रेलवे डिवीजन का गठन, राउरकेला में रेलवे डिवीजन के लिए बुनियादी ढांचा और भूमि बंडामुंडा-बिसरा में उपलब्ध हैं. रेलवे को अधिक खर्च करने की आवश्यकता नहीं है. केंद्रीय रेल मंत्री को लिखे इस खत में विधायक तांती ने राउरकेला को अलग डिवीजन बनाने के लिए मददगार कारकों के बारे में भी बताया है. उन्होंने कहा कि राउरकेला का बंडामुंडा मार्शलिंग यार्ड, जो राउरकेला स्टील प्लांट से जुड़ा हुआ है तथा यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे एक्सचेंज यार्ड है. बंडामुंडा-बिसरा में रेलवे डिवीजन बनाने के लिए पर्याप्त भूमि, केंद्रीय विद्यालय और रेलवे अस्पताल हैं.राउरकेला डिवीजन करेगा 1000 किलोमीटर रेलवे लाइन को कवर
राउरकेला रेलवे डिवीजन बनता है तो यह मुख्य रूप से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड में लगभग 1000 किमी रेलवे लाइन को कवर करेगा. इसमें सीमेंट उद्योगों के साथ कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट और स्टील कॉरिडोर शामिल होंगे. पिछली सरकार ने भी राउरकेला को रेलवे डिवीजन के रूप में पहले से ही अनुशंसित किया था. साथ ही सांसद तथा वर्तमान केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने भी कई बार रेलवे डिवीजन के लिए सिफारिश की है.एक दशक से लंबित रेल डिवीजन की मांग पर उपयुक्त पहल की अपील
विधायक तांती ने केंद्रीय रेल मंत्री से अनुरोध किया है कि वे अपने स्तर पर इस मामले पर जल्द से जल्द विचार करें, जो पिछले 10 वर्षों से लंबित है. साथ ही अपील की है कि राउरकेला को रेलवे डिवीजन बनाकर ईस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर के अधीन कर दें, ताकि झारखंड और छत्तीसगढ़ के लोगों सहित हमारे पश्चिमी ओडिशा के लोग इसका लाभ उठा सकें. जिससे यहां पर चल रही नयी परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है