एमसीएल खदान की लिफ्ट दो साल से खराब, तीन श्रमिक यूनियनों ने किया प्रदर्शन

एमसीएल की गुफा खदान में श्रमिकों को अंदर ले जानेवाली लिफ्ट दो साल से बंद है. इसका विरोध करते हुए तीन श्रमिक यूनियनों ने गुरुवार को एमसीएल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 11:45 PM

ब्रजराजनगर. एमसीएल की गुफा खदान में श्रमिकों को अंदर ले जानेवाली लिफ्ट (मेन राइडिंग) दो साल से बंद है. इस लिफ्ट को चालू करने, श्रमिकों का उत्पीड़न बंद करने समेत अन्य मांगों को लेकर तीन यूनियनों ने गुरुवार को एक साथ एमसीएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. एमसीएल के जीएम के खिलाफ नारे लगाने के साथ ही प्रबंधन पर श्रमिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर काम बंद करा दिया. ओरिएंट एरिया की खदान नंबर एक तथा दो में सुबह से ही काम बंद आंदोलन चलाया गया. इस अवसर पर सैकडों श्रमिकों ने ओरिएंट एरिया के महाप्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी की. डीजीएमएस पर भी आरोप लगाते हुए कहा गया कि उन्हें श्रमिकों की कोई चिंता नहीं है, वे यहां सिर्फ गेस्ट हाउस में ठहरने आते हैं. इस आंदोलन में शामिल इंटक के अनित चक्रवर्ती ने कहा कि डीजीएमएस को श्रमिकों के दुख से कोई सरोकार नहीं है. उनके गलत नियमों के कारण ही श्रमिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. जबकि एचएमएस के कुलमणि दास ने महाप्रबंधक द्वारा मजदूरों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि श्रमिकों से निर्धारित घंटों से ज्यादा काम कराने के बाद भी ओवर टाइम नहीं दिया जाता. ओसीएमएस के पाणुचरण सेठी ने कहा कि गुफा खदान में करीब बीस किलोमीटर आना-जाना करने पर श्रमिकों को तकलीफ होती है. जल्द मेन राइडिंग बनवाने की जरूरत है. जबकि प्रसन्न चौधरी ने कहा कि प्रबंधन अपना फायदा देख रहा है. यदि मजदूर इतना ज्यादा चलेगा, तो थक कर काम कैसे करेगा. ज्यादा चलने के कारण श्रमिक बीमार होकर गैरहाजिर रहते हैं. लेकिन उन्हें ओवर टाइम देने की जगह उनसे गैरहाजिर रहने पर जवाब मांगा जाता है. इस आंदोलन को सफल बनाने में अनीत चक्रवर्ती, सुभाष जाली, प्रसन्न चौधरी, सूर्या पटेल, सतनाम सिंह, कुलामणि दास, बीसी बरिहा, मकरध्वज प्रधान, खिरोद कुंवर, पाणुचारण सेठी, साधु सिंह के साथ अनेक मजदूर नेता शामिल रहे. समाचार लिखे जाने तक यहां काम बंद आंदोलन जारी है. जबकि महाप्रबंधक आंदोलन स्थल पर नहीं पहुंचेथे.

डीजीएमएस से मिली अनुमति, जल्द लिफ्ट की होगी मरम्मत

ओरिएंट सब एरिया मैनेजर गंगाधर महतो ने बताया कि मेन राइडिंग खराब होने की सूचना शीर्षस्थ अधिकारियों को लिखित में दी गयी है. लेकिन डीजीएमएस के कुछ नियमों तथा कुछ तकनीकी कारणों से यह बन नहीं पायी. डीजीएमएस से सहमति मिल चुकी है, जल्द ही मशीन दुरुस्त हो जायेगी.

श्रमिकों की सेहत के साथ हो रहा खिलवाड़

यूनियनों के नेताओं का आरोप है कि विगत दो वर्षों से इस खदान की मेन राइडिंग (मजदूरों को खदान के अंदर लाने ले जाने वाली लिफ्ट) खराब पड़ी है. लेकिन ओरिएंट एरिया के महाप्रबंधक अजय नामजोशी की अनदेखी तथा बेरुखी के कारण रोजाना सैकडों श्रमिकों को खदान के अंदर करीब बीस किलोमीटर पैदल ही आना-जाना पड़ रहा है. इस खदान में करीब 600 श्रमिक कार्य करते हैं, तो वहीं रोजाना करीब 600 टन कोयला उत्पादन भी होता है. लेकिन इन श्रमिकों की सेहत तथा कल्याण के काम के नाम पर इस एरिया में सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती है.

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