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Rourkela News: साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार, कई देशों की मुद्रा, क्रेडिट व डेविट कार्ड जब्त

Rourkela News: 20 दिसंबर 2023 को दर्ज एक मामले की जांच करते हुए राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है.

Rourkela News: ऑनलाइन ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह के एक सदस्य को राउरकेला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान देवेंद्र प्रताप मौर्या के रूप में हुई है. वह उत्तर प्रदेश का निवासी है. पश्चिमांचल डीआइजी बृजेश राय, एसपी नीतेश वाधवानी और एसडीपीओ उपासना पाढ़ी ने मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ कर्मचारी से 67 लाख 70 हजार रुपये की एक ऑनलाइन ठगी हुई थी. 30 दिसंबर, 2023 को मामला दर्ज कराये जाने के बाद पुलिस जांच में जुटी थी. जांच के दौरान कई आरोपी पकड़ में आये हैं. यह आरोपी भी इस वारदात में एक प्रमुख आरोपी था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठगी गिरोह से जुड़ा है, जो इस तरह की वारदात ना केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अंजाम दे रहा है. कंबोडिया से इस गिरोह को संचालित किया जा रहा है. जिसमें भारत के भी सैकड़ों युवा शामिल हैं.

एसपी के पास आये कॉल के बाद पकड़ में आया आरोपी

डीआइजी ने बताया कि कुछ दिन पहले एसपी नीतेश वाधवानी के पास आये एक कॉल से मिली जानकारी के बाद यह गिरफ्तारी की गयी. दरअसल आरोपी के लिए पुलिस का लुकआउट सर्कुलर जारी हुआ था. आरोपी के देश में प्रवेश करने की सूचना इस फोन से मिली. जिसके बाद एसपी ने एक टीम का गठन किया और उसे सफलता के साथ दबोचा. जांच के दौरान पता चला कि यह आरोपी इस मामले के लिए काफी अहम था. ओडिशा क्राइम ब्रांच सहित अन्य विभागों ने भी इसमें मदद की.

40 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है आरोपी

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने देश के 40 से अधिक युवाओं को साइबर क्राइम के लिए प्रशिक्षित किया है. इन्हें अलग-अलग लालच देकर गिरोह के साथ जोड़ा गया है. कुछ युवाओं को पैसे देकर अच्छी नौकरी देने के नाम पर साथ लेकर गया था. आरोपी के पास से 10 मोबाइल, 8 पेन ड्राइव, 14 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, नेपाल, अमेरिका, कंबोडिया की मुद्रा (करीब 22 हजार की नकदी), 14 पासबुक और चेकबुक, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एक प्रिंटिंग मशीन, एक वाइ-फाई राउटर और 8 सिम कार्ड ( जिसमें अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड भी शामिल है) बरामद हुआ है.

15 और के खिलाफ जारी है लुकआउट सर्कुलर

पुलिस ने बताया कि इस मामले की तफ्तीश में एक के बाद एक तह खुल रही है. जनवरी से अगस्त, 2024 के बीच 14 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. एसपी नीतेश वाधवानी ने बताया कि करीब 18 से 19 आरोपियों की पहचान हमने कर ली है. यह किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में इनका नेटवर्क फैला है. जानकारी मिली है कि देश के 800 से अधिक युवा इनके जाल में फंसे हैं. इन्हें आइटी सेक्टर में नौकरी का वादा कर साइबर क्राइम में ढकेला गया है.

500 से अधिक हैं देशभर में वारदातें

देशभर में 500 से अधिक इस तरह की वारदातों में इस गिरोह की संलिप्तता मिली है. देशभर में इस गिरोह के एजेंट फैले हुए हैं, जो ठगी में मदद करते हैं. बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली एनसीटी, केरल, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि शामिल हैं.

विदेश मंत्रालय से भी ली जा रही है मदद

डीआइजी ने बताया कि मामला इतना बड़ा है कि देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है. लिहाजा पुलिस विदेश मंत्रालय के भी संपर्क में है. इसमें सभी जरूरी विभागों की मदद लेकर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. चुनौती उन 800 से अधिक युवाओं को भी वापस लाने की है, जो इस गिरोह के चंगुल में फंसे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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