Bhubaneswar News: ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने राज्य में मौजूदा आलू संकट के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए गुरुवार को कहा कि वह ओडिशा की भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए कृत्रिम कमी पैदा कर रही है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ओडिशा सरकार को बदनाम करने के लिए कृत्रिम कमी पैदा की गयी. हाल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ओडिशा में आलू की आपूर्ति बंद कर दी थी. बाद में वह इसे बहाल करने पर सहमत हो गयी थीं. इस संकट से निबटने के तौर-तरीके को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच पात्रा ने कहा कि मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि वह (पश्चिम बंगाल सरकार) यह क्यों कर रही है.
ओडिशा में आलू का पर्याप्त भंडार
मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जब बाजार में कम आपूर्ति होगी तो दाम बढे़ंगे. यह पूछे जाने पर कि यह संकट कब तक रहेगा, पात्रा ने कहा, फिलहाल ओडिशा में आलू का पर्याप्त भंडार है तथा दाम अंतत: अपने आप नीचे आ जायेंगे. पात्रा ने आश्वासन दिया कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार फिर आपूर्ति रोकती है तो ओडिशा सरकार उत्तर प्रदेश एवं पंजाब से आलू मंगायेगी. उन्होंने कहा कि ओडिशा आलू के वास्ते अपने पड़ोसी राज्य पर काफी निर्भर है.
बीजद ने मंत्री पर जिम्मेदारी से बचने का लगाया आरोप
विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक गौतम बुद्धा दास ने पात्रा की टिप्पणी की आलोचना की और उन पर जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मंत्री लोगों की आलू की जरूरतों को पूरा करने में सरकार की विफलता पर पर्दा डालने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. सच्चाई यह है कि लोग परेशान हैं. स्थानीय बाजारों में आलू की कीमतें 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाने के बाद 28 नवंबर को पश्चिम बंगाल सरकार ने आलू के निर्यात पर रोक लगा दी, जिसके बाद ओडिशा में आलू की भारी कमी हो गयी है. इस रोक के फलस्वरूप आलू लेकर ओडिशा जा रहे सैकड़ों ट्रक सीमा से लौट गये. इससे ओडिशा के बाजारों में अफरातफरी उत्पन्न हो गयी और आलू के दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है