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विधायक सुरेंद्र सिंह भोई ने 38 साल बाद कांग्रेस छोड़ी, भाजपा से भी दो नेताओं का इस्तीफा

ओडिशा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के साथ ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को सत्तारूढ़ बीजद समेत भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी से इस्तीफा दिया है.

भुवनेश्वर. ओडिशा में कांग्रेस के तीन बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह भोई ने 38 साल बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) में शामिल हो गये. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिनके बीजद में शामिल होने की संभावना है. इन नेताओं में नीलगिरि से विधायक सुकांत नायक और पार्टी के कटक जिला अध्यक्ष प्रकाश चंद्र बेहेरा शामिल हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में सुरेंद्र सिंह भोई ने कहा कि उन्होंने बलांगीर जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के अध्यक्ष पद के साथ-साथ पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत कारणों से प्राथमिक सदस्यता और डीसीसी, बलांगीर अध्यक्ष पद के साथ-साथ एआइसीसी सदस्यता से इस्तीफा देना चाहता हूं. 38 साल तक समर्पण और अनुशासन के साथ पार्टी और मेरे राज्य की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं. उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ दल के मुख्यालय शंख भवन में बीजद का दामन थाम लिया.

भाजपा विधायक सुकांत नायक लौटेंगे बीजद में

पार्टी की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल को लिखे पत्र में, नीलगिरि के विधायक नायक ने कहा कि मैं आज (यानी 29.03.2024) को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं. कृपया इसे स्वीकार किया जाये. नायक 2014 में नीलगिरि से बीजद के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गये थे. हालांकि, वह 2019 में भाजपा में चले गये और सीट पर जीत भी दर्ज की. बीजद सूत्रों ने कहा कि नायक ने अब उस पार्टी में लौटने का फैसला किया है, जहां से उन्होंने अपनी चुनावी यात्रा शुरू की थी. यह घटनाक्रम कटक से सांसद भर्तृहरि महताब और पूर्व सांसद सिद्धांत महापात्र के गुरुवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद हुआ. महताब ने 22 मार्च को बीजद से इस्तीफा दे दिया था. ओडिशा में 13 मई से एक जून के बीच चार चरणों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे.

बीजद नेता डंबरू सिसा ने नवीन को भेजा त्यागपत्र

चित्रकोंडा के पूर्व विधायक और बीजद नेता डंबरू सिसा ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक को लिखे अपने पत्र में सिसा ने कहा कि मेरा लक्ष्य और उद्देश्य वही रहेगा, जो शुरू से ही राज्य और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करना रहा है. मेरा मानना है कि मैं अब इस पार्टी में ऐसा करने में असमर्थ हूं. इसलिए अपने लोगों और अपने कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेरा मानना है कि एक नयी शुरुआत के लिए तत्पर रहना सबसे अच्छा है.

पूर्व विधायक निहार सुरीन का बीजद से मोह भंग, जल्द थामेंगे कांग्रेस का दामन

बिरमित्रपुर के पूर्व विधायक तथा बीजद नेता निहार सुरीन का बीजद से मोह भंग हो गया है. वे जल्द ही कांग्रेस का दामन थामेंगे. प्रभात खबर से हुई बातचीत में निहार सुरीन ने बताया कि वे एक सप्ताह के अंदर कांग्रेस में विधिवत योगदान देंगे. हालांकि, बीरमित्रपुर सीट से उनके कांग्रेस प्रत्याशी बनने की संभावनाओं को उन्होंने नकार दिया. बताया कि बीजद की आंतरिक कलह से परेशान होकर उन्होंने अपने समर्थकों से रायशुमारी के बाद यह निर्णय लिया है. समर्थकों ने भी भविष्य की राजनीति में अपना महत्व बनाये रखने के लिए उनके इस कदम का स्वागत किया है. पूर्व विधायक निहार सुरीन ने 2004 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के टिकट पर चुनाव जीता था. उन्होंने 37,753 वोट प्राप्त कर पूर्व विधायक जॉर्ज तिर्की को शिकस्त दी थी तथा बिरमित्रपुर की राजनीति में हलचल पैदा की थी. उस समय जॉर्ज कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते थे. लेकिन निहार सुरीन ने कुशल नेतृत्व तथा मजबूत संगठन के बाल पर जीत हासिल की थी. इसके बाद झामुमो का असर कम होता देख उन्होंने बीजद का दामन थाम लिया था. बीजद ने उन्हें कभी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया, न ही पार्टी में उन्हें महत्व दिया. अब 2024 के चुनाव में भी खुद को दरकिनार किया जाता देख उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का निर्णय लिया है. वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे, इसकी पुष्टि टाउन कांग्रेस अध्यक्ष साजिद अहमद ने की है.

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