हेरापंचमी पर नाराज मां लक्ष्मी मौसीबाड़ी पहुंचीं, भगवान जगन्नाथ का रथ तोड़ा

शहर के जगन्नाथ मंदिरों से निकली रथयात्रा विभिन्न गुडिंचा मंदिरों में पहुंच चुकी है. यहां महाप्रभु की सेवा भक्त कर रहे हैं. गुरुवार को यहां हेरापंचमी मनाते हुए महाप्रभु जगन्नाथ के रथ का चक्का तोड़ा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 11:44 PM

राउरकेला. शहर के अलग-अलग स्थानों पर स्थित जगन्नाथ मंदिरों से निकली रथयात्रा में महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ मौसीबाड़ी पहुंचने पर वहां पर विविध धार्मिक अनुष्ठानों का आयाेजन किया जा रहा है. इसके साथ ही पुजारी, सेवायत तथा भक्तों की ओर से उनकी खूब आवभगत की जा रही है. गुरुवार को हेरापंचमी का पावन दिन होने से गुंडिचा मंदिर समेत अलग-अलग मौसीबाड़ी में भक्तों ने पहुंचकर श्रीजिउ का दर्शन कर अपनी-अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना की. वहीं शाम के समय साथ में मौसीबाड़ी न लेकर आने से रुष्ट मां लक्ष्मी ने जगन्नाथ मंदिर से पालकी पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर पहुंचने के बाद महाप्रभु का रथ तोड़ने की परंपरा का निर्वहन किया.

शहर के इन मंदिरों में हुई पूजा

गुरुवार को सेक्टर-5 गुंडिचा मंदिर, रेलवे स्टेशन परिसर संकटमोचन मंदिर मौसीबाड़ी, सेक्टर-8 मौसीबाड़ी, सेक्टर-20 डी ब्लॉक मौसीबाड़ी, जगदा बाट मंगला मंदिर स्थित मौसीबाड़ी समेत अन्य स्थानों पर स्थित मौसीबाड़ी में सुबह से महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी. इसमें सेक्टर-5 स्थित गुंडिचा मंदिर में भी बड़ी संख्या में भक्त जुटे थे. जिसमें महिला भक्तों की संख्या अधिक रही. इस दौरान कई भक्तों ने महाप्रभु को प्रसाद अर्पित करने के बाद अन्य भक्तों में इसका वितरण किया. इसके पश्चात शाम के समय जगन्नाथ मंदिर से निकलकर मां लक्ष्मी पालकी में सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचीं तथा महाप्रभु का रथ तोड़ने की परंपरा का निर्वाह किया. इस परंपरा का निर्वहन होने के दौरान बड़ी संख्या में भक्त भी जुटे थे.

बंडामुंडा जगन्नाथ मंदिर से निकली मां लक्ष्मी की पालकी यात्रा

हेरापंचमी पर बंडामुंडा स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा की गयी. माता लक्ष्मी डीजल कॉलोनी जगन्नाथ मंदिर से पालकी पर विराजित होकर बंडामुंडा सेक्टर डी गुंडीचपल्ली स्थित गुंडिचा मंदिर पहुंचीं. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ मां लक्ष्मी की पालकी ए, बी सेक्टर से होकर गुंडिचा मंदिर तक गयी. जहां पर मां लक्ष्मी द्वारा महाप्रभु के रथ का पहिया तोड़ने की परंपरा का निर्वाह किया गया. जिसके बाद मां लक्ष्मी पालकी पर सवार होकर जगन्नाथ मंदिर वापस लौटीं. हेरापंचमी पर इस परंपरा का निर्वहन करने में मुख्य पुजारी पितवास शतपथी समेत बड़पंडा ऋषिकेश शतपथी, कुना मिश्रा, सरोज आचार्य, राजा त्रिपाठी, एस प्रहराज, रुद्र पाणिग्राही, संतोष सतपति, सरोज आचार्य की मुख्य भूमिका रही. रथ पूजा कमेटी की तृप्तिमई स्वांई, अनिता महतो, लिली त्रिपाठी, लीना पसायत, पुष्पा मोहंती, संगीता महतो, सौदामिनी राउत, मालती कालंदी, विनीता मुदूली, विनोदिनी पाणिग्राही, झरना पात्रो, पूर्णिमा, सश्मिता साहू, रुक्मिणी बाघ समेत अन्य की सक्रिय भूमिका रही.

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