Rourkela News: एनआइटी राउरकेला को खराब एयर कनेक्टिविटी से सालाना 20 करोड़ का हो रहा नुकसान
Rourkela News: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष राउरकेला हवाई अड्डा का मालिकाना एएआइ को सौंपने की मांग दोहरायी है.
Rourkela News: स्मार्ट सिटी में खराब एयर कनेक्टिविटी के कारण राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) राउरकेला को सालान 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. शहर की सामाजिक संस्था सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष विमल बिसी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू को लिखे पत्र में यह जानकारी देते हुए राउरकेला एयरपोर्ट का मालिकाना एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) को सौंपने की प्रक्रिया तेज करने की मांग की है. केंद्रीय मंत्री को लिखे गये पत्र में बिमल बिसी ने कहा है कि भारत सरकार निकट भविष्य में सभी एनआइटी, आइआइटी को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सभी तकनीकी सरकारी संस्थानों को अपने सभी खर्चों को अपने संसाधनों से पूरा करना होगा. लेकिन विडंबना यह है कि एनआइटी राउरकेला को हर साल लगभग 20 करोड़ का नुकसान हो रहा है. इसका मुख्य कारण शहर में खराब एयर कनेक्टिविटी है. इससे पिछले पांच साल में एनआइटी राउरकेला को 100 करोड़ का नुकसान हुआ है.
एनआइटी राउरकेला नहीं आना चाहते अंतरराष्ट्रीय छात्र
विमल बिसी ने कहा कि एयर कनेक्टिविटी नहीं होने से अंतराष्ट्रीय छात्र यहां प्रवेश लेने को तैयार नहीं है. जिस कारण एनआइटी राउरकेला में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आरक्षित सीटें खाली पड़ी हैं या नगण्य रूप से भरी जा रही हैं. इसका असर एनआइटी राउरकेला की रैंकिंग पर पड़ा है, जो दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है और नये प्लेसमेंट इसके लिए बाधा बन रहे हैं. जबकि त्रिची, सुरथकल, वारंगल जैसे अन्य एनआइटी में विदेशी छात्रों की अच्छी संख्या है और उनकी रैंकिंग भी नियमित रूप से बढ़ रही है.
इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की पहल से पूरी होगी लंबे समय की मांग
केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में श्री बिसी ने कहा कि राउरकेला एयरपोर्ट की जमीन का स्वामित्व सेल आरएसपी से लेकर एएआइ को हस्तांतरण की जरूरत है. हाल ही में सुंदरगढ़ सांसद सह केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने ओडिशा सरकार और आरएसपी के विभिन्न अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की थी. इसमें आरएसपी अधिकारियों ने राउरकेला हवाई अड्डा की भूमि राज्य सरकार को हस्तांतरित करने पर सहमति व्यक्त की थी. इससे यह स्पष्ट है कि यदि इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्रालय आपसी सहमति से उक्त भूमि हस्तांतरण के लिए आगे बढ़ें, तो राउरकेला के लोगों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हो सकती है.
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