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Rourkela News: एनआइटी के दो फैकल्टी ने रूस में 9वें ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक फोरम में भारत का किया प्रतिनिधित्व

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला के दो फैकल्टी ने युवा वैज्ञानिक फोरम में अभिनव दृष्टिकोण से वैश्विक चुनौतियों के समाधान पर विचार साझा किये.

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला के दो फैकल्टी सदस्यों ने रूस में आयोजित 9वें ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक फोरम में भारत का प्रतिनिधित्व किया. खाद्य प्रक्रिया इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर मधुरेश द्विवेदी और मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर मेधा नायक ने प्रतिष्ठित ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक फोरम-2024 में भारत का प्रतिनिधित्व किया. यह कार्यक्रम 25 से 29 नवंबर, 2024 तक सोची, रूस में आयोजित किया गया. इसमें ब्रिक्स देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ नये सदस्य ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया के 150 से अधिक युवा वैज्ञानिक और नवप्रवर्तक शामिल हुए. प्रो द्विवेदी ने ‘प्रकृति जैसी और अभिसारी प्रौद्योगिकी एक सतत भविष्य के लिए चालक के रूप में’ विषयगत क्षेत्र में योगदान दिया, जबकि डॉ नायक ने ‘डिजिटल मानविकी के ढांचे के भीतर मानव-हाथी संपर्क’ पर अपना शोध साझा किया. उनकी भागीदारी ने अभिनव दृष्टिकोणों के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में भारतीय शोधकर्ताओं/युवा वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. प्रो के उमामहेश्वर राव (निदेशक, एनआइटी राउरकेला) ने इस उपलब्धि के लिए दोनों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में उनकी भागीदारी उनके संबंधित क्षेत्रों में ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए उनकी विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

नेम प्लेट पर भारत लिखा देख गौरवान्वित हुआ : प्रो द्विवेदी

प्रो द्विवेदी ने कहा कि यह काफी गर्व का क्षण होता, जब आपकी सीट पर नेम प्लेट पर आपका नाम नहीं होता, लेकिन गर्व से भारत को दर्शाया जाता है, वह अद्वितीय है. कोई अन्य अनुभव उस खुशी और सम्मान की बराबरी नहीं कर सकता. प्रकृति जैसी अभिसारी प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण इंजीनियरिंग में इसके अनुप्रयोगों के विषय पर बात करने का यह मेरे लिए एक शानदार अवसर था, ताकि स्थिरता और शून्य भूख का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके. मैं भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) को यह अवसर देने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं, तथा एनआइटी राउरकेला और इसके प्रशासन को उनके निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं.

सामाजिक वैज्ञानिक के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात : प्रो मेधा नायक

इस उपलब्धि पर प्रो मेधा नायक ने कहा कि यह पहली बार था जब मानविकी और सामाजिक विज्ञान को वैज्ञानिक मंच में शामिल किया गया. इसलिए एक सामाजिक वैज्ञानिक के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात थी. मैं डीएसटी, भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति को मुझे मंच का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. यह न केवल विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार की दुनिया के लिए एक बेहतरीन अनुभव था, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक मंच भी था. अन्य देशों के साथी प्रतिनिधियों से मिलने से सहयोग और सह-शिक्षण के द्वार खुले भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक विशेषज्ञ समिति ने भारत से 12 युवा वैज्ञानिकों के एक प्रतिनिधिमंडल का चयन किया. ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक मंच ने युवा शोधकर्ताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया, जो एक स्थायी और समावेशी भविष्य की दिशा में प्रयासों को आगे बढ़ाता है.

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