Rourkela News: डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड (डीसीबीएल) ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), राउरकेला के 40 छात्रों की राजगांगपुर स्थित अपने अत्याधुनिक एकीकृत सीमेंट इकाई में एक इंडस्ट्री एक्सपोजर यात्रा के लिए मेजबानी की. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य शैक्षणिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया के उद्योग प्रथाओं से जोड़ना था. जिससे छात्रों को उन्नत सीमेंट निर्माण की जानकारी मिल सके. बीआइएस में वैज्ञानिक-डी और संयुक्त निदेशक आशीष कुमार कानर के नेतृत्व में कार्यक्रम ने वास्तविक दुनिया के औद्योगिक कार्यों में बीआइएस मानकों के अनुप्रयोग में भी मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की.
डालमिया भारत में हम सार्थक सहयोग में विश्वास करते हैं : चेतन श्रीवास्तव
पहल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए डीसीबीएल के कार्यकारी निदेशक और राजगंगपुर के यूनिट हेड चेतन श्रीवास्तव ने कहा कि डालमिया भारत में हम सार्थक सहयोग में विश्वास करते हैं, जो अगली पीढ़ी के प्रोफेशनल्स को वास्तविक दुनिया के एक्सपोजर के साथ सशक्त बनाता है. यह यात्रा हमारी परिचालन उत्कृष्टता और सस्टेनिबिलिटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो यह प्रदर्शित करती है कि नवाचार और उत्तरदायित्व उद्योग के विकास को कैसे आगे ले जा सकते हैं. हमें युवा दिमाग को प्रेरित करने और एक हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य को आकार देने में योगदान करने के लिए बीआइएस के साथ साझेदारी करने पर गर्व है. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण संयंत्र का दौरा था, जो अपनी उन्नत विनिर्माण प्रक्रियाओं सस्टेनेबिलिटी पहलों और उच्चतम गुणवत्ता मानकों के पालन के लिए जाना जाता है. इसे दिसंबर, 2023 में बीआइएस द्वारा अप्रैल 2021 से परीक्षण किये गये उत्पाद नमूनों में जीरो फेल्योर प्राप्त करने के लिए मान्यता दी गयी थी. संयंत्र ने पिछले तीन वर्षों में उत्पाद की गुणवत्ता पर बिना किसी शिकायत के एक त्रुटिहीन रिकॉर्ड भी बनाये रखा है और यह उभरते मानकों और बाजार आवश्यकताओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए बीआइएस के साथ डालमिया सीमेंट के घनिष्ठ सहयोग को दर्शाता है.कैल्सीनर एडवांस्ड डस्ट सप्रेशन सिस्टम और सौर ऊर्जा तकनीक से लैस है प्लांट
डालमिया सीमेंट का राजगंगपुर संयंत्र सस्टेनेबल और नवीन प्रथाओं का एक मॉडल है. इसमें अत्याधुनिक तकनीक शामिल है, जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा कैल्सीनर एडवांस्ड डस्ट सप्रेशन सिस्टम और सौर ऊर्जा उत्पादन शामिल हैं. जिनका उद्देश्य पर्यावरण के असर को कम करना है. अपनी परिचालन उत्कृष्टता से परे संयंत्र क्षेत्र में सामुदायिक विकास पहलों में भी गहनता से शामिल है, जो कौशल विकास सतत आजीविका कार्यक्रमों और विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं का समर्थन करता है. जिससे डालमिया भारत की समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलता है. यह संयंत्र डालमिया भारत के 2040 तक कार्बन नेगेटिव बनने के मिशन का केंद्र है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है