राउरकेला. राउरकेला रेलवे स्टेशन का विकास एयरपोर्ट की तर्ज पर करने के लिए 400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है. इसके तहत स्टेशन में छह व सात नंबर प्लेटफॉर्म भी जोड़ा गया है. लेकिन इन प्लेटफॉर्म पर जिस तरह से आम यात्रियों को सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही हैं. खासकर झारसुगुड़ा छोर की ओर प्लेटफॉर्म नंबर एक, चार, पांच, छह व सात में शेड नहीं होने से यात्रियों को धूप, बारिश, सर्दी में खुले आसमान के नीचे ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है. सिर्फ इतना ही नहीं, इस छोर पर अक्सर जनरल कोच बिना शेड वाले इलाके में खड़ा होता है. इससे खासकर महिला यात्रियों, बच्चों तथा बुजुर्गों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिससे रेलवे प्रबंधन से इस ओर ध्यान देने की मांग हो रही है. राउरकेला के आइओडब्ल्यू मुकेश भगत से जब इस बारे में पूछा जाता है तो उनका एक ही जवाब रहता है कि प्रपोजल भेजा गया है, जल्द शेड का काम होगा. इस बार भी उनसे इस बाबत पूछने पर उनका रटारटाया जवाब मिला. अब देखना है कि उनकी ओर से इन प्लेटफॉर्म के झारसुगुड़ा छोर पर शेड बनाने को लेकर प्रपोजल कब स्वीकृत होगा, इसका इंतजार सभी को है.
कभी भीगकर, तो कभी धूप में पसीने से तरबतर होकर पकड़नी पड़ती है ट्रेन
शहर के एक रेल उपयोगकर्ता जोगिंदर सिंह ने कहा कि राउरकेला स्टेशन में चक्रधरपुर छोर की ओर लगभग सभी प्लेटफॉर्म में शेड की सुविधा है. जिससे बारिश, धूप व सर्दी में यात्रियों को सुविधा होती है. लेकिन झारसुगुड़ा छोर पर शेड नहीं होने से आम यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं पंकज सोनकर ने कहा कि स्टेशन के झारसुगुड़ा छोर में अधिकतर एक्सप्रेस ट्रेनों की सामान्य बोगी रहती है. लेकिन इन सामान्य बोगियों में जानेवाले यात्रियों को शेड नहीं होने से बारिश में भींगकर तथा कड़ी धूप में पसीने से तरबतर होकर ट्रेन पकड़नी होती है. रेलवे को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है