राउरकेला : अब उत्तर प्रदेश के आलू से स्मार्ट सिटी में पूरी की जा रही मांग

पश्चिम बंगाल से आलू की आवक में लगातार अड़चनों को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन विकल्प तैयार करने में जुटे हैं. उत्तर प्रदेश से आलू लाकर राउरकेला में मांग पूरी की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2024 11:50 PM

राउरकेला. घर की रसोई से निकलकर आलू अब ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकारों के बीच खटास का कारण बन गया है. हालात ऐसे हैं कि पश्चिम बंगाल से आनेवाले आलू पर राज्य सरकार निर्भरता समाप्त करने के प्रयास की घोषणा कर रही है. साथ ही आलू की मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश का रुख किया जा रहा है. मांग और आपूर्ति में आये अंतर को पाटने के लिए उत्तर प्रदेश से आलू आ रहा है और बाजार में इसकी बिक्री हो रही है. पश्चिम बंगाल से आनेवाला आलू आकार में लंबा होता है, जबकि उत्तर प्रदेश से आनेवाला आलू गोल होता है. शहर में वर्षों से पश्चिम बंगाल से आनेवाले आलू की ही खपत होती रही है. लेकिन अब पश्चिम बंगाल से आलू की आवक प्रभावित होने के बाद नये विकल्प तलाशे जा रहे हैं. हालांकि थोक आलू विक्रेताओं का कहना है कि पश्चिम बंगाल भौगोलिक रूप से ओडिशा के नजदीक है, जबकि उत्तर प्रदेश से परिवहन काफी दूर होगा और कीमतों पर असर पड़ेगा.

अब तक स्थिति नहीं हुई है सामान्य

पिछले एक महीने से पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति असामान्य है जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है. कीमतें लगातार बढ़ते हुए 40 रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुकी हैं. कीमतों को कम करने के अब तक हुए प्रयास नाकाफी रहे हैं. थोक विक्रेता दिलीप साहू बताते हैं कि पश्चिम बंगाल से आलू लेकर आ रहे वाहनों से चेकपोस्ट पर जबरन उगाही की जा रही है. कुछ चालकों के साथ मारपीट तक हो चुकी है. ऐसे में आलू की आवक सामान्य नहीं हो पा रही है. उत्तर प्रदेश से आलू लाने की बात तो हो रही है, लेकिन कीमत सबसे बड़ी समस्या है. पश्चिम बंगाल के मुकाबले उत्तर प्रदेश से आलू लाने में किराया दोगुना से अधिक पड़ेगा, जिससे कीमतों को स्थिर रखना संभव नहीं होगा.

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