Bhubaneswar News: ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र निर्धारित समय से पहले स्थगित
Bhubaneswar News: ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को निर्धारित समय से पहले स्थगित कर दिया गया. शीतकालीन सत्र 31 दिसंबर तक चलना था.
Bhubaneswar News: ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन को स्थगित किये जाने की घोषणा की. यह सत्र 26 नवंबर को प्रारंभ हुआ था और 31 दिसंबर को समाप्त होना था, लेकिन कामकाज न होने के कारण निर्धारित समय के 20 दिन पूर्व ही समाप्त कर दिया गया. इस सत्र के पहले दिन वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूरक बजट पेश किया था. इसी तरह 5 दिसंबर को 12 हजार 156 करोड रुपये का विनियोग बिल पारित किया गया था.
शीतकालीन सत्र में कुल तीन विधेयक किये गये पारित
इस सत्र में कुल तीन विधेयक पारित किये गये. इसमें जीएसटी बिल, ओडिशा निवेश (संख्या 2) बिल और ओडिशा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निरोध) बिल-2024 शामिल हैं. हालांकि, ओडिशा विश्वविद्यालय संशोधन बिल-2024 को सरकार ने सदन में पेश किया गया था, लेकिन इस पर न चर्चा की गयी और न ही इसे पारित किया गया. सदन में प्रश्नकाल के दौरान कुल 24 स्टार प्रश्नों पर चर्चा हुई, जबकि 1750 प्रश्नों के उत्तर सरकार की ओर से लिखित रूप में दिये गये हैं. इसके अलावा, विधायकों के 2295 अन स्टार्ड प्रश्नों में से 2191 प्रश्नों के लिखित उत्तर भी सरकार ने दिये. विपक्षी दलों ने 8 कार्यस्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था, इसमें से 6 प्रस्तावों पर चर्चा की गयी, जबकि 2 अस्वीकार कर दिये गये.
पत्रकारों की पेंशन और स्वास्थ्य बीमा बढ़ायी जाये : बीजद
इससे पूर्व ओडिशा विधानसभा में बुधवार को बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक गौतम बुद्ध दास ने राज्य में पत्रकारों के लिए पेंशन और स्वास्थ्य बीमा की राशि बढ़ाने की मांग उठायी. पहली बार विधायक बने दास ने शून्यकाल के दौरान यह मांग की. वह पहले पत्रकार थे. श्री दास ने कहा कि चूंकि उन्होंने 25 साल से अधिक समय तक पत्रकार के रूप में काम किया है, इसलिए वे व्यक्तिगत रूप से पत्रकारों के सामने आने वाली समस्याओं को जानते हैं. पिछली बीजद सरकार ने पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की थी और बाद में कवरेज को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया था. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार पत्रकारों के स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति वर्ष करे तथा इस योजना के अंतर्गत पत्रकारों के माता-पिता को भी शामिल करे.
ओडिशा सरकार ने 10 वर्षों में 14 उद्योगों का 4097 करोड़ बिजली बकाया माफ किया : मंत्री
उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि ओडिशा सरकार ने पिछले 10 वर्षों के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत 14 उद्योगों के लिए 4097.67 करोड़ रुपये की बिजली बकाया राशि माफ कर दिया है. कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ऊर्जा विभाग के प्रभारी उपमुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक नीति प्रस्ताव (आइपीआर) और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसइजेड) नीति जैसी योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 से इन 14 उद्योगों के लिए बिजली शुल्क में छूट दी गयी थी. सिंहदेव द्वारा प्रस्तुत बयान के अनुसार, ओडिशा सरकार ने एसइजेड नीति-2015 के तहत वेदांता लिमिटेड, झारसुगुड़ा के लिए 3599.88 करोड़ रुपये के उच्चतम बिजली बकाये को माफ कर दिया, जबकि केंद्रीय पीएसयू, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल), पारादीप को 314.03 करोड़ रुपये की छूट मिली. इसके अतिरिक्त, अनुगूल स्थित जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) को बिजली शुल्क में 103.16 करोड़ रुपये की छूट दी गयी. उपमुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि इन छूटों के अलावा राज्य सरकार ने ऊर्जा विभाग की एकमुश्त समाधान योजना, 2022 के तहत 36 उद्योगों के लिए 1324.83 करोड़ रुपये की बिजली बकाया राशि (लंबित बिलों के ब्याज पर छूट के माध्यम से) में भी छूट दी है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सरकार ने सेल की इकाई राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) का 550.12 करोड़ रुपये, चौद्वार स्थित आइएमएफए लिमिटेड का 440.12 करोड़ रुपये तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (नाल्को) का 203.91 करोड़ रुपये का बिजली बकाया माफ कर दिया है. उन्होंने बताया कि अन्य कंपनियों के अलावा जेएसपीएल अनुगूल (35.76 करोड़ रुपये), आदित्य एल्युमीनियम लिमिटेड संबलपुर (17.79 करोड़ रुपये), टाटा स्टील लिमिटेड कलिंगनगर (16 करोड़ रुपये) और वेदांता लिमिटेड लांजीगढ़ (10.13 करोड़ रुपये) के बिजली बिलों में भी ओडिशा सरकार ने छूट दी है. सिंहदेव ने बताया कि मुख्य अभियंता सह प्रमुख मुख्य विद्युत निरीक्षक द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अक्तूबर तक 23 उद्योगों पर 1096.32 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया था.
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