भुवनेश्वर. उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे लगे बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों और गंगीय पश्चिम बंगाल में एक महीने में तीसरी बार निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से अगले चार दिनों तक ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से पहले इसके प्रभाव से भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, कटक, ढेंकनाल, अनुगूल, क्योंझर, संबलपुर, देवगढ़, बरगढ़, बालेश्वर, मयूरभंज, सुंदरगढ़, जाजपुर, झारसुगुड़ा, पुरी, खुर्दा, नयागढ़, बौध, सोनपुर, बलांगीर, नुआपाड़ा, नवरंगपुर और मलकानगिरी जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है.इसके अतिरिक्त कंधमाल, कटक, सोनपुर, बरगढ़, बलांगीर, कालाहांडी, नुआपाड़ा, नवरंगपुर, कोरापुट और नयागढ़ जिलों में भारी बारिश की आशंका है. मनोरमा मोहंती ने कहा कि 31 जुलाई तक कई जिलों में यह स्थिति जारी रहने की आशंका है.
मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह
मौसम विभाग ने मछुआरों को 27 जुलाई तक ओडिशा तट के आसपास समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी है. आइएमडी के पूर्वानुमान के मद्देनजर विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यव्रत साहू ने 13 जिलों के जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है क्योंकि उत्तरी ओडिशा में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. अलर्ट के तहत आने वाले जिलों में मयूरभंज, बालेश्वर, क्योंझर, सुंदरगढ़, भद्रक, केंद्रपाड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा, जाजपुर, ढेंकनाल और अनुगूल शामिल हैं.
हीराकुद के नौ गेट 28 खोले जायेंगे
हीराकुद बांध में पानी हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है. शुक्रवार को रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 जुलाई को जलाशय के नौ गेट खोले जाने की तैयारी है. वर्तमान में जलाशय का जल स्तर 604.75 क्यूसेक है. रिपोर्ट के अनुसार हीराकुद बांध में हर सेकंड 1 लाख 42 हजार 322 क्यूसेक पानी प्रवेश कर रहा है. 33 हजार 657 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. हीराकुद जलाशय के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जल स्तर और बढ़ने पर स्लुइस गेट खोला जा सकता है और 28 जुलाई को नौ गेट खोले जायेंगे. पिछले कुछ दिनों से राज्य में जारी मॉनसूनी बारिश के कारण हीराकुद बांध का जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. नदियां भी उफान पर हैं. इसलिए लोगों के मन में बांध का पानी बढ़ने और उसके बाद बाढ़ आने का डर है. इस बीच, राज्य में भारी बारिश जारी है.
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