Rourkela News: ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ के आह्वान पर 10 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार से नर्सिंग स्टाफ का बेमियादी आंदोलन शुरू हो गया है. इससे पूर्व संघ की ओर से गत 25 व 26 सितंबर को काम करने के साथ प्रतीकात्मक आंदोलन किया गया था. इस आंदोलन को लेकर सरकार की ओर से एस्मा लगाये जाने के बाद भी संघ की ओर से शुक्रवार से आंदोलन शुरू कर दिया गया है. नर्सिंग कर्मचारियों के इस आंदोलन के कारण राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में मरीजों की सेवा बाधित रही. सभी नर्सिंग स्टाफ ने काम बंद कर अस्पताल परिसर में धरना दिया. जिससे अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी हुई. संघ ने सरकार द्वारा मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है.
इन मांगों को लेकर किया जा रहा कार्यबंद आंदोलन
ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ ने 2013 से पूर्व छह साल की अनुबंध आधारित अवधि को मूल नौकरी में शामिल करने, प्रमोशन के लिए निर्धारित समय सीमा में रियायत देने, नर्सिंग ऑफिसरों को सीएचओ पोस्ट से वापस लाने, बाकी नर्सिंग अधिकारियों को तुरंत नियमित करने, कटक स्थित रीजनल स्पाइनल इंजुरी सेंटर के नर्सिंग अधिकारियों को नियमित करने, आरबीएसके के अधीनस्थ नर्सिंग अधिकारियों को नियमित करने, नर्सिंग कैडर में आउटसोर्सिंग व्यवस्था को बंद करने, केबीके भत्ता देने व कटक एएचपीजीआइसी में कार्यरत स्टाफ को नर्सिंग कैडर में शामिल करने की मांग की है.
बामड़ा : बिना इलाज मरीजों को रेफर किया जा रहा बुर्ला, परेशानी
संबलपुर जिला मुख्य अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का कार्य बंद आंदोलन शुक्रवार को तीसरे दिन जारी रहा. 10 सूत्री मांगों को लेकर जारी इस आंदोलन का व्यापक असर सीधे तौर पर मरीजों की तीमारदारी पर पड़ रहा है. कई मरीज और दुर्घटना के शिकार लोग जिला प्रमुख अस्पताल में आ रहे हैं और बगैर इलाज कराये वापस लौट रहे हैं. विभागीय डॉक्टर सभी मरीजों को विमसार बुर्ला रेफर कर रहे है. वहीं दूसरी ओर इलाज नहीं मिलने पर मरीज के परिजनों में आक्रोश देखा जा रहा हैं. एडीएमओ मेडिकल से अनुरोध करने पर किसी के नहीं सुनने की बात कहते हुए उन्होंने खेद व्यक्त किया. जिलापाल एवं जन प्रतिनिधि से इसके स्थायी समाधान के लिए शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया.
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