Rourkela News: बोइत बंदान आज. ओडिशा की समृद्ध नौवाणिज्य परंपरा को किया जायेगा याद

Rourkela News: कार्तिक पूर्णिमा पर ओडिशा में बोइत बंदान पर राज्य की नौवाणिज्य परंपरा को याद किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 11:32 PM
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Rourkela News: राउरकेला सहित पूरे ओडिशा में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जायेगा. इसकी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. आ का बा बोई, पान गुआ थोई, पान गुआ तोर, मास क धरम मोर गीत गाते हुए गांव से लेकर शहरों तक लोग शुक्रवार तड़के जलाशयों में नौकाएं प्रवाहित कर ओडिशा की समृद्ध नौवाणिज्य परंपरा को याद करेंगे. महिलाएं, पुरुष व बच्चे शुक्रवार को भोर तीन बजे से ही जलाशयों पर पहुंचना शुरू कर देंगे. साथ में कागज, केले के छिलके, सोल आदि से बनी नौकाओं में दीप जलाकर तैरायेंगे. पूरी श्रद्धा एवं विश्वास के साथ लोग इस पर्व का पालन करते हैं. जलाशयों के पास आतिशबाजी भी की जाती है.

बड़ी संख्या में नदी व जलाशयों में पहुंचते हैं लोग

स्मार्ट सिटी के विभिन्न जलाशयों सहित ब्राह्मणी नदी के अलग-अलग घाटों पर नौकाएं प्रवाहित करने के लिए व्यापक इंतजाम किये गये हैं. शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी जलाशयों को इस दिन के लिए तैयार कर लिया गया है. साफ-सफाई की गयी है तथा तड़के यह कार्यक्रम होने के कारण रोशनी की व्यवस्था भी की गयी है.

हिंदुओं के सबसे पावन महीनों में से एक है कार्तिक

कार्तिक महीने को पूरे भारत के साथ-साथ ओडिशा में हिंदुओं के बीच सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. लोग इस महीने के दौरान मांसाहारी भोजन तो दूर, लहसुन-प्याज का सेवन भी नहीं करते हैं. आध्यात्मिक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखते हैं. इस महीने के दौरान सबसे महत्वपूर्ण अवधि पंचुक का पांच दिवसीय अवलोकन है, जो कार्तिक पूर्णिमा के साथ समाप्त होता है.

इसलिए मनाया जाता है बोइत बंदान उत्सव

प्राचीन काल में ‘साधव’ के रूप में जाने जाने वाले ओडिशा के समुद्री व्यापारी, हिंदू कैलेंडर की कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन बाली, सुमात्रा, इंडोनेशिया और जावा आदि देशों में व्यापार के लिए नौका से यात्रा करते थे. ओडिशा की इस गौरवशाली व समृद्ध परंपरा को याद करने के लिए प्रति वर्ष प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा के दिन बोइत बंदान उत्सव मनाया जाता है. राउरकेला में ब्राह्मणी नदी के अलग-अलग घाटों, गोपंबधुपल्ली तालाब, सेक्टर-16 डोंगाघाट, तुमकेला घाट, झीरपानी आदित्य घाट, हमीरपुर धोबी घाट और लुआकेरा घाट पर शहरवासी नौका तैराने के लिए पहुंचते हैं.

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