Jharsuguda News: दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन, झारसुगुड़ा ब्रांच ने झारसुगुड़ा रिलीफ यार्ड में रेल प्रशासन की ओर से रनिंग स्टाफ के लिए बगैर बुनियादी सुविधाओं के सीएमएस लॉबी खोलने का विरोध शनिवार को किया है. मेंस यूनियन का कहना है कि आगे भी हम विरोध करते रहेंगे. हम रेल प्रशासन से मांग करते हैं कि निम्नलिखित सुविधाएं सबसे पहले रनिंग स्टाफ के लिए उपलब्ध करायी जायें, उसके बाद सीएमएस लॉबी खोली जाये. हम सभी को कोई दिक्कत नहीं होगी और हम पूरे तौर पर रेल प्रशासन की मदद करेंगे.
इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
मेंस यूनियन की ओर से मांग की गयी कि झारसुगुड़ा में मार्केट से प्राइवेट रोडवेज फैसिलिटी होनी चाहिए, क्योंकि सभी के पास अपनी गाड़ी की सुविधा नहीं है, गड्ढे में तब्दील सड़क की मरम्मत की जाये, रेस्ट रूम की व्यवस्था हो, शौचालय व नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था, बैठने के लिए कम से कम 40 से 50 कुर्सियां होनी चाहिए, रिलीफ यार्ड में चार्ज लेने के लिए यार्ड पाथवे बने, साइन-इन और साइन-ऑफ के लिए झारसुगुड़ा लॉबी से लगातार जीप सुचारू ढंग से पहले की तरह चले, टीओ कम से कम 3 घंटा पहले मिले, रिलीफ यार्ड में रात में आने-जाने के लिए कोई सिक्योरिटी और सेफ्टी नहीं है, इसलिए रात में कोई बुकिंग वहां से नहीं होना चाहिए, रेस्ट रूम में कुर्सी, टॉयलेट और एसी की व्यवस्था हो, पीने का पानी के लिए आरओ वाटर प्लांट लगे.
आंदोलन की दी गयी चेतावनी
मेंस यूनियन ने उक्त बिंदुओं को ध्यान में रखकर रनिंग स्टाफ के लिए सुविधाएं उपलब्ध कारने के बाद ही सीएमएस लॉबी खोलने की मांग की. ऐसा नहीं करके सीएमएस लॉबी खोलने और जबरदस्ती रनिंग स्टाफ को वहीं से साइन इन/साइन ऑफ करने के लिए मजबूर करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है. साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस ट्रेड यूनियन के बैनर तले ट्रेन मैनेजर, लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, महिला स्टाफ समेत करीब 200 रनिंग स्टॉफ ने आंदोलन में हिस्सा लिया. मेंस यूनियन की तरफ से अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया. चक्रधरपुर डिवीजन के डीआरएम, सीनियर डीओएम और सीनियर डीइइ (ओपी) के विरोध में नारे लगाये गये.
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