ओडिशा में विपक्ष ने रथयात्रा के दौरान कुप्रबंधन का आरोप लगाकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा

ओडिशा में विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2024 11:03 PM

भुवनेश्वर. ओडिशा में विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इस महीने पुरी में आयोजित भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में गंभीर कुप्रबंधन रहा. विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने दावा किया कि भगवान जगन्नाथ के नाम पर सत्ता में आयी भाजपा ने भगवान बलभद्र की ‘पहंडी’ (पारंपरिक शोभायात्रा) की रस्म के दौरान हुई घटना को छिपाने की कोशिश की. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नौ जुलाई को गुंडिचा मंदिर के आड़प मंडप में रथ से ले जाते समय भगवान बलभद्र की मूर्ति गिर गयी थी. बीजद विधायक ब्योमकेश रॉय ने भी भाजपा सरकार की आलोचना की और उस पर रथ यात्रा को ‘पार्टी कार्यक्रम’ की तरह मनाने का आरोप लगाया. कानून मंत्री और जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक दोनों की अनुपस्थिति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बलभद्र की मूर्ति ‘पहंडी’ की रस्म के दौरान गिर गयी थी. बीजद विधायक ने आरोप लगाया कि कुप्रबंधन के कारण एक श्रद्धालु की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये. उन्होंने यह भी दावा किया कि कानून मंत्री के कुछ रिश्तेदार रथ पर चढ़ गये थे. वहीं, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इस वर्ष की रथयात्रा अनूठी थी क्योंकि इसमें एक ही दिन सात जुलाई को तीन प्रमुख अनुष्ठान ‘नवयौवन दर्शन’, ‘नेत्र उत्सव’ और ‘रथयात्रा’ शामिल थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी सेवकों के सहयोग और भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से रथयात्रा सुचारु रूप से आयोजित की गयी, जिसे पूरी दुनिया ने देखा. मंत्री के जवाब से नाखुश बीजद और कांग्रेस दोनों ने सदन से बहिर्गमन किया.

राज्य में सरकार बदलने के बाद 314 ब्लॉकों में विकास कार्य ठप : बीजद

पूर्व सरकार की योजनाएं बदलने को लेकर विधानसभा में रोष व्यक्त किया गया है. शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए बीजद विधायक गणेश्वर बेहेरा ने आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के बाद 314 ब्लॉक में विकास कार्य ठप हो गया है. आम ओडिशा नवीन ओडिशा योजना में विकास के लिए प्रत्येक पंचायत को 50 लाख रुपये दिये जाने की घोषणा की गयी थी. सरकार बदलने के बाद इस योजना में कोई कार्य नहीं हो रहा है. कार्यादेश मिलने के बाद भी काम नहीं हो रहा है. जहां काम समाप्त हो गया है, वहां बिल भी नहीं बन रही है. वर्तमान सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर विकसित गांव, विकसित ओडिशा कर दिया गया है. इसलिए उन्होंने इस संबंध में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा. इस पर भाजपा विधायक आश्रित पटनायक ने कहा कि आम ओडिशा, नवीन ओडिशा योजना केवल चुनाव जीतने के लिए थी. निर्वाचन से पूर्व कर्मियों को पैसा देकर चुनाव जीतने की योजना थी. इस योजना से गांवों में वोट खरीदने की योजना बनायी गयी थी. विधानसभा में शून्यकाल में अश्रित पटनायक ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए यह योजना बीजद ने बनायी थी. जेई के जरिये करोड़ रुपये की लूट की गयी थी.

पिछले 5 वर्षों में 512 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए, केवल 30 क्रियान्वित हुए: उद्योग मंत्री

ओडिशा सरकार ने राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए पिछले पांच वर्षों में विभिन्न उद्योगों के साथ 512 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये, लेकिन उनमें से केवल 30 को ही अब तक क्रियान्वित किया जा सका है. यह जानकारी शुक्रवार को उद्योग मंत्री संपद स्वांई ने विधानसभा में दी. राज्य में उद्योगों की प्रगति के बारे में कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वांई ने कहा कि 2020 से मार्च, 2024 तक ओडिशा ने राज्य स्तरीय एकल खिड़की मंजूरी प्राधिकरण के माध्यम से कई मेगा परियोजनाओं के लिए 11,85,281.40 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ 512 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं. इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से 5,31,000 रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं. मंत्री ने बताया कि हालांकि, अब तक उनमें से केवल 30 ही आंशिक या पूर्ण रूप से क्रियान्वित हो पायी हैं, जिससे राज्य में केवल 19,528 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. अगर ये मेगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से चालू हो जाते हैं, तो इससे 20,251 और रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं. स्वांई के जवाब के बाद कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति ने मंत्री की आलोचना की और सदन में कथित तौर पर अधूरे तथ्य प्रस्तुत करने पर नाराजगी व्यक्त की.

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